‘अति’ हर चीज की खराब है, फिर चाहे वो ‘प्रोटीन’ ही क्यों न हो!
शरीर के लिए आवश्य पोषक तत्वों में प्रोटीन की भूमिका बेहद अहम है। मांसपेशियों और हड्डियों की मजबूती, इम्यून सिस्टम को तंदरुस्त रखना, वजन नियंत्रण व अन्य कई चीजों के लिए शरीर में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का मौजूद होना जरूरी है। खिलाड़ियों से लेकर वजन कंट्रोल करने पर ध्यान दे रहे हर एक व्यक्ति में हाई प्रोटीन डाइट का प्रचलन बढ़ा है। डॉक्टर भी डाइट में हाई प्रोटीन खाद्य पदार्थों को शामिल करने की सलाह देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्यादा मात्रा में प्रोटीन खाना आपके शरीर को नुकसान पहुँचा सकता है? जी हाँ, यह बात सच है।
इसीलिए, प्रत्येक व्यक्ति के लिए हाई प्रोटीन डाइट के सिर्फ फायदों को नहीं बल्कि नुकसानों को भी जानना जरूरी है और आज हम इसी विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
सबसे पहले हाई प्रोटीन डाइट क्या है, यह जान लें
हाई प्रोटीन डाइट, आम तौर पर कार्बोहाइड्रेट और वसा की खपत को कम करते हुए प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने पर जोर देती है। केटोजेनिक डाइट और पैलियो डाइट इसके महत्वपूर्ण उदाहरण हैं। ये डाइट सुझाव देते हैं कि व्यक्ति खाने में प्रोटीन का सेवन बढ़ाकर वजन घटाने से लेकर मांसपेशियों को मजबूत बनाने तक विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकता है।
रोजाना कितनी मात्रा में प्रोटीन का सेवन करना सही है?
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के अनुसार एक वयस्क को 2,000 कैलोरी डाइट के हिस्से के रूप में प्रतिदिन 50 ग्राम प्रोटीन खाना चाहिये। हालांकि, हर व्यक्ति में प्रोटीन की यही मात्रा रोजाना उनके कैलोरी सेवन के आधार पर अधिक या कम हो सकती है1।
जानें शरीर के लिए कितना जरूरी है प्रोटीन
मांसपेशियों को बनाता है मजबूत- मांसपेशियों की मजबूत बनाये रखने के लिए प्रोटीन सबसे अहम पोषक तत्व है। कई रिसर्च में भी इस बात की पुष्टी की गयी है। इसीलिए, जिम जाने वाले लोग मसल बनाने के लिए प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं या फिर प्रोटीन शेक पीते हैं।
हड्डियों के लिए है आवश्यक: चाहे एनिमल बेस्ड हो या प्लांट बेस्ड, दोनों तरह के प्रोटीन हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है। शुरू से ही व्यक्ति अगर सही मात्रा में प्रोटीन का सेवन करे तो भविष्य में आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस व अन्य कई हड्डियों की बीमारियों से बचाव करना संभव हो सकता है। प्रोटीन की कमी फ्रैक्चर की घटनाओं को बढ़ावा दे सकती है। इसीलिए, इसका सेवन करना जरूरी है।
वजन को करता है कंट्रोल- प्रोटीन का सेवन वजन को नियंत्रित करने में सहायता करता है। इससे मेटाबॉलिक प्रक्रिया में सुधार होता है और शरीर की कैलोरी बर्न करने की क्षमता बढ़ती है। इसकी वजह से व्यक्ति का वजन जल्दी बढ़ता नहीं है2।
भूख को कंट्रोल करने में है मददगार- प्रोटीन खाने से व्यक्ति को लंबे समय तक पेट भरा हुआ सा महसूस होता है। दरअसल, प्रोटीन शरीर में भूख बढ़ाने वाले हार्मोन घ्रेलिन के स्तर को कम कर देता है। जिस वजह से बार-बार भूख नहीं लगती और व्यक्ति ओवरईटिंग करने से बच जाता है3।
बीपी को रखे संतुलित- शोध की मानें तो हाई बीपी के मरीजों को आहार में प्रोटीन को जरूर शामिल करना चाहिये। इससे बीपी के बढ़े हुए स्तर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है4।
ये तो हो गयी फायदों की बात। अब सिक्के के दूसरे पहलू यानी कि हाई प्रोटीन डाइट से होने वाले नुकसान को जानना भी जरूरी है-
हाई प्रोटीन डाइट से हो सकती हैं निम्नलिखित परेशानियां
किडनी में हो सकती है समस्या- प्रोटीन के सेवन के बाद शरीर इसे अपशिष्ट उत्पादों में तोड़ देता है। यही अपशिष्ट पदार्थ बाद में किडनी के द्वारा शरीर से बाहर निकाल दिये जाते हैं। ऐसे में अगर लंबे समय तक हाई प्रोटीन डाइट का सेवन किया जाये, तो इससे किडनी पर दबाव बढ़ सकता है। उच्च प्रोटीन युक्त आहार किडनी में सल्फेट्स और फॉस्फेट के रूप में संभावित एसिड लोड पैदा करता है, जिससे किडनी में समस्या पैदा हो सकती है। ज्यादा प्रोटीन मूत्राशय में कैल्शियम स्टोन का खतरा भी बढ़ा देता है2।
डिहाइड्रेशन: ज्यादा प्रोटीन शरीर में पानी की कमी का कारण बन सकता है। इसके ज्यादा सेवन से अधिक मात्रा में पानी शरीर से पेशाब के माध्यम से बाहर निकलता है। इससे किडनी पर दबाव पड़ता है और निर्जलीकरण का खतरा बढ़ सकता है।
पोषक तत्वों का असंतुलन: अक्सर व्यक्ति ज्यादा प्रोटीन खाने के चक्कर में आवश्यक कार्बोहाइड्रेट और स्वस्थ वसा जैसे अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों को भूल जाता है। इससे शरीर में महत्वपूर्ण विटामिन और खनिजों की कमी हो सकती है, जिसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
हार्ट को हो सकता है खतरा: कुछ शोधों में हाई प्रोटीन डाइट और हार्ट संबंधी बीमारियों के बीच कनेक्शन की जानकारी दी गयी है। एनीमल बेस्ट प्रोटीन में सैचुरेटेड फैट की मात्रा ज्यादा होती है, जिसके ज्यादा सेवन से हृदय को नुकसान पहुँच सकता है। इतना ही नहीं, इसकी वजह से एथेरोस्क्लेरोसिस जैसी हृदय संबंधी बीमारी का जोखिम भी बढ़ सकता है5।
प्रोटीन का सेवन करते वक्त जरूर रखें इन बातों का ध्यान
उपर बतायी गयी परेशानियों से बचने और शरीर में प्रोटीन का संतुलन बनाये रखने के लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक है-
हाई प्रोटीन डाइट फॉलो करने से पहले एक बार हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें और अपने वजन और जरूरत के अनुसार प्रोटीन का सेवन करें।
हाई प्रोटीन डाइट के चक्कर में अन्य पोषक तत्वों को भूलने की गलती न करें। शरीर को प्रोटीन के साथ-साथ कार्बोहाइड्रेट, गुड फैट्स, विटामिन एवं मिनरल्स की भी आवश्यकता होती है। इसीलिए, सभी पोषक तत्वों को अपने भोजन में शामिल करें।
हाई प्रोटीन लेते वक्त उसकी मात्रा पर जरूर ध्यान दें। पोर्शन कंट्रोल करना आवश्यक है वरना परेशानियां खड़ी हो सकती हैं।
ज्यादा प्रोटीन से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसीलिए पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करते रहें।
शारीरिक गतिविधियां ज्यादा करें। जो लोग हाई प्रोटीन लेते हैं, उनका फिजिकली एक्टिव रहना बेहद आवश्यक है।
निष्कर्ष (Conclusion)
प्रोटीन खाएं लेकिन सीमित मात्रा में। वो कहते हैं ना हर चीज की अति खराब होती है, इसीलिए सावधानी जरूर बरतें। एक बात ध्यान में रखें कि प्रोटीन खाना तभी लाभकारी सिद्ध हो सकता है, जब सही मात्रा में इसका सेवन किया जाये।
FAQ
कितनी मात्रा में व्यक्ति को प्रोटीन का सेवन करना चाहिये?
फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) के अनुसार एक वयस्क को 2,000 कैलोरी डाइट के हिस्से के रूप में प्रतिदिन 50 ग्राम करना चाहिये। हालांकि, किसी व्यक्ति का दैनिक मूल्य उनके कैलोरी सेवन के आधार पर अधिक या कम हो सकता है1।
हड्डियों को मजबूत रखने में प्रोटीन की क्या भूमिका है?
चाहे एनिमल बेस्ड हो या प्लांट बेस्ड, दोनों तरह के प्रोटीन हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी हैं। सही मात्रा में प्रोटीन के सेवन से आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस व अन्य कई हड्डियों की बीमारियों का खतरा कम हो सकता है।
ज्यादा प्रोटीन खाने से किडनी में क्या परेशानियां हो सकती हैं?
प्रोटीन के सेवन के बाद शरीर इसे अपशिष्ट उत्पादों में तोड़ देता है। यही अपशिष्ट पदार्थ बाद में किडनी के द्वारा शरीर से बाहर निकाल दिये जाते हैं। ऐसे में अगर लंबे समय तक हाई प्रोटीन डाइट का सेवन किया जाये, तो इससे किडनी पर दबाव बढ़ सकता है।
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