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प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में होते हैं ये प्रीनेटल स्क्रीनिंग टेस्ट

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माता-पिता बनना एक कपल के लिए खुशी के साथ ढ़ेर सारी जिम्मेदारियां भी लाता है। जब एक महिला गर्भधारण करती है, तो दंपति को सावधानी बरतने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। यह बच्चे के विकास के लिए भी जरूरी है और गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के लिए भी। गर्भावस्था के पहले तीन महीने गर्भवती महिला के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में अगर महिला हर चीज़ का ध्यान रखे तो वह एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण होता है गर्भावस्था की पुष्टि होने के बाद नियमित रूप से टेस्ट कराते रहना। आइए जानते हैं कि गर्भावस्था की पहली तिमाही में कौन से टेस्ट जरूरी होते हैं। प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में अल्ट्रासाउंड और ब्लड टेस्ट कराना बेहद जरूरी होता है। इससे भ्रूण के जन्म दोष होने के जोखिम को निर्धारित करने में पहले से ही मदद मिल सकती है।  पहली तिमाही में अल्ट्रासाउंड कराने का महत्व अल्ट्रासाउंड कराने से गर्भावस्था की स्थिति का मूल्यांकन करने में मदद मिलती है। इससे आप निम्निलिखित बातें पता कर सकते हैं- गर्भ में बच्चा एक है या एक से अधिक  गर्भ में बच्चे की धड़कन सही से चल र

चाहती हैं नॉर्मल प्रेगनेंसी तो अपने डाइट चार्ट को बनाए संतुलित

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प्रेगनेंसी में सबसे ज्यादा जरूरी है खानपान का ध्यान रखना। माँ और गर्भ में पल रहे बच्चे को अगर सही मात्रा में पोषण न मिले तो प्रेगनेंसी की सुंदर यात्रा परेशानियों में तब्दील हो सकती है। वैसे गर्भावस्था में संतुलित डाइट चार्ट बनाना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। इस मामले में आपके डॉक्टर आपकी हर संभव मदद करेंगे। एक बात तो तय है अगर गर्भावस्था के 9 महीने में आपने अपने खाने-पीने पर ध्यान दिया तो प्रेगनेंसी के दौरान और उसके बाद भी आपको ज्यादा तकलीफों से नहीं गुजरना पड़ेगा। प्रेगनेंसी में पोषण युक्त खाने का महत्व इससे भ्रूण की हड्डियां और ब्लड सेल्स के विकास में मदद मिलती है। प्रेगनेंसी में होने वाले दर्द और असहजता से छुटकारा मिलता है। शरीर में आयरन की कमी नहीं होती जिससे एनीमिया का खतरा कम होता है। माँ की इम्यूनिटी मजबूत होती है और इंफेक्शन से बचाव होता है। डिलीवरी के बाद स्तनपान कराने में भी आसानी होती है। आपके खाने में मौजूद होनी चाहिये ये 5 चीजें 1. फोलेट: फोलेट को विटामिन बी के रूप में भी जाना जाता है। साथ ही इसका इस्तेमाल फोलिक एसिड के सप्लीमेंट के रूप में भी किया जाता है। बच्चे के विकास के