प्रेगनेंसी में सबसे ज्यादा जरूरी है खानपान का ध्यान रखना। माँ और गर्भ में पल रहे बच्चे को अगर सही मात्रा में पोषण न मिले तो प्रेगनेंसी की सुंदर यात्रा परेशानियों में तब्दील हो सकती है। वैसे गर्भावस्था में संतुलित डाइट चार्ट बनाना कोई रॉकेट साइंस नहीं है। इस मामले में आपके डॉक्टर आपकी हर संभव मदद करेंगे। एक बात तो तय है अगर गर्भावस्था के 9 महीने में आपने अपने खाने-पीने पर ध्यान दिया तो प्रेगनेंसी के दौरान और उसके बाद भी आपको ज्यादा तकलीफों से नहीं गुजरना पड़ेगा।
प्रेगनेंसी में पोषण युक्त खाने का महत्व
- इससे भ्रूण की हड्डियां और ब्लड सेल्स के विकास में मदद मिलती है।
- प्रेगनेंसी में होने वाले दर्द और असहजता से छुटकारा मिलता है।
- शरीर में आयरन की कमी नहीं होती जिससे एनीमिया का खतरा कम होता है।
- माँ की इम्यूनिटी मजबूत होती है और इंफेक्शन से बचाव होता है।
- डिलीवरी के बाद स्तनपान कराने में भी आसानी होती है।
आपके खाने में मौजूद होनी चाहिये ये 5 चीजें
1. फोलेट: फोलेट को विटामिन बी के रूप में भी जाना जाता है। साथ ही इसका इस्तेमाल फोलिक एसिड के सप्लीमेंट के रूप में भी किया जाता है। बच्चे के विकास के लिए ये बहुत ज्यादा जरूरी है। शरीर में फोलेट सही मात्रा में मौजूद रहे इसके लिए प्रेगनेंसी से एक महीना पहले और प्रेगनेंसी के शुरुआती 3 महीनों में रोजाना कम से कम 400 माइक्रोग्राम फोलिक एसिड का सेवन जरूर करें। हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, ग्रीन सलाद, ब्रोकली, चना, ऑरेंज जूस, सूखा मटर आदि खाने की चीजों में फोलेट बहुत ज्यादा मात्रा में मौजूद रहता है।
2. आयरन: प्रेगनेंसी में महिलाओं के शरीर में आयरन की जरूरत बढ़ जाती है। इस दौरान रोजाना कम से कम 27 माइक्रोग्राम आयरन लेना जरूरी है। महिलाएं चाहें तो अपने डॉक्टर की सलाह पर आयरन सप्लीमेंट्स भी ले सकती हैं। फिश, सोयाबीन, अंडा, चिकन, राजमा, चना, हरी सब्जियां जैसे ब्रोकली, पालक, पत्तागोभी आदि जीचें शरीर में आयरन की कमी को पूरा कर सकती हैं।
3. कैल्शियम: हड्डियों को मजबूत बनाये रखने के लिए कैल्शियम की आवश्यकता होती है।
प्रेगनेंसी के आखिरी तीन महीनों में बच्चे की हड्डियां सबसे ज्यादा विकसित होती हैं। ऐसे में माँ को प्रचुर मात्रा में कैल्शियम का सेवन जरूर करना चाहिये। रोजाना 1000एमजी से 1300एमजी तक कैल्शियम का सेवन गर्भवती माँ के लिए जरूरी है। दूध, चीज़, दही, हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम आदि चीजों से महिलाएं कैल्शियम ले सकती हैं।
4. आयोडीन: गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए आयोडीन बहुत जरूरी होता है। अगर प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में आयोडीन की कमी रही तो इसका असर बच्चे के सुनने और सीखने की क्षमता पर पड़ सकता है। इसीलिए आयोडीन का सेवन भी पर्याप्त मात्रा में करें।
5.विटामिन सी: बच्चे के विकास के लिए विटामिन सी भी आवश्यक होता है। हरी पत्तेदार सब्जियां, खट्टे फल जैसे संतरा, मौसम्बी, कीवी, टमाटर, ब्रोकली, स्ट्रॉबेरी आदि का सेवन करना माँ और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है।
इन 5 चीजों के आलाव प्रोटीन, मिनरल्स, कार्बोहाइड्रेट्स, फाइबर आदि भी गर्भवती महिला की थाली में जरूर मौजूद होना चाहिये। जैसे ही आपकी
प्रेगनेंसी कन्फर्म हो सबसे पहले डॉक्टर की सलाह पर अपना डाइट चार्ट तैयार करें। गर्भावस्था की तीनों तिमाही में कौन सा खाना कितनी मात्रा में खाना है इसकी जानकारी गर्भवती महिला और उसके परिवार को होनी चाहिये। तभी आपकी प्रेगनेंसी नॉर्मल हो सकेगी।
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