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Anti D injection - माँ और शिशु का सुरक्षा कवच! (Hindi)

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महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं से बचाने के लिए एंटी-डी ( Anti D ) इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान होने वाली समस्याओं में एक महत्वपूर्ण समस्या है आरएच (Rhesus) रक्त समूह में असंगति होना। उदाहरण के तौर पर जानें तो जब एक आरएच नेगेटिव महिला के बच्चे का रक्त आरएच पॉजिटिव होता है, तो इससे परेशानी हो सकती है। इसका एक मात्र समाधान है- एंटी-डी इंजेक्शन, जो माँ-शिशु दोनों की रक्षा करता है।  क्या होता है (Rh) आरएच रक्त समूह? आरएच रक्त समूह एक प्रकार का प्रोटीन है, जो लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) की सतह पर पाए जाते हैं। रक्त में इस प्रोटीन के रहने पर यह आरएच पॉजिटिव और प्रोटीन नहीं होने पर आरएच नेगेटिव की श्रेणी में आता है।  एंटी-डी इंजेक्शन ( Anti D injection ) का उपयोग एंटीबॉडी (Antibody) का निर्माण रोकना : आरएच नेगेटिव वाली एक महिला जब आरएच पॉजिटिव बच्चे को जन्म देती है तो महिला के शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण शुरू हो सकता है। एंटी-डी इंजेक्शन शरीर में एंटीबॉडी के निर्माण को रोकता है। इससे महिला के स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद मिलती है। भविष्य में गर्भधारण

दोबारा नहीं झेलना चाहते हार्ट अटैक के लक्षण? अपनाएं ये 5 उपाय

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हार्ट अटैक, एक जीवन बदल देने वाली घटना है। जिन लोगों को हार्ट अटैक के लक्षण झेलने के बाद नया जीवन मिला है, उनके लिए यह घटना किसी भयानक सपने से कम नहीं है। वैसे तो मेडिकल साइंस में आयी आधुनिकता के कारण कई लोग न सिर्फ इस जानलेवा परिस्थिति से ठीक हो जाते हैं बल्कि कई सालों तक खुशहाल जीवन भी जी पाते हैं लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि दिल के मामले में किसी तरह की लापरवाही बरती जाये।   कुछ शोधों के अनुसार हार्ट अटैक के बाद भले ही ज्यादातर लोग ठीक हो जाते हैं लेकिन इनमें से एक चौथाई मरीजों को 90 दिनों के अंदर फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है। यह एक महत्वपूर्ण अवधि है, जब दिल से जुड़ी अन्य परेशानियों के साथ-साथ दोबारा हार्ट अटैक होने का खतरा भी बना रहता है। इसीलिए, जो लोग एक बार इस बुरे सपने का सामना कर चुके हैं, उनके लिए कुछ विशेष सावधानियां बरतना जरूरी है। आज हम ऐसे ही 5 टिप्स पर चर्चा करेंगे, जिन्हें फॉलो कर दोबारा होने वाले हार्ट अटैक के खतरे को टाला जा सकता है-  समय पर दवाइयां लें- हार्ट अटैक के लक्षण नजर आने के बाद रिकवरी पीरियड के दौरान डॉक्टर मरीज को कुछ दवाइयां देते ह