Anti D injection - माँ और शिशु का सुरक्षा कवच! (Hindi)
महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं से बचाने के लिए एंटी-डी (Anti D) इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है। गर्भावस्था के दौरान होने वाली समस्याओं में एक महत्वपूर्ण समस्या है आरएच (Rhesus) रक्त समूह में असंगति होना। उदाहरण के तौर पर जानें तो जब एक आरएच नेगेटिव महिला के बच्चे का रक्त आरएच पॉजिटिव होता है, तो इससे परेशानी हो सकती है। इसका एक मात्र समाधान है- एंटी-डी इंजेक्शन, जो माँ-शिशु दोनों की रक्षा करता है।
क्या होता है (Rh) आरएच रक्त समूह?
आरएच रक्त समूह एक प्रकार का प्रोटीन है, जो लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) की सतह पर पाए जाते हैं। रक्त में इस प्रोटीन के रहने पर यह आरएच पॉजिटिव और प्रोटीन नहीं होने पर आरएच नेगेटिव की श्रेणी में आता है।
एंटी-डी इंजेक्शन (Anti D injection) का उपयोग
एंटीबॉडी (Antibody) का निर्माण रोकना : आरएच नेगेटिव वाली एक महिला जब आरएच पॉजिटिव बच्चे को जन्म देती है तो महिला के शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण शुरू हो सकता है। एंटी-डी इंजेक्शन शरीर में एंटीबॉडी के निर्माण को रोकता है। इससे महिला के स्वास्थ्य को ठीक रखने में मदद मिलती है।
भविष्य में गर्भधारण पर सुरक्षा की गारंटी : यदि किसी महिला ने पहले आरएच पॉजिटिव बच्चे को जन्म दिया है, तो उसे भविष्य में गर्भधारण करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, एंटी-डी इंजेक्शन से इस जटिल समस्या को टाला जा सकता है। यह एक इंजेक्शन माँ-शिशु दोनों की हिफाज़त करता है।
कब दिया जाता है यह इंजेक्शन? (Anti D injection)
एंटी-डी इंजेक्शन (Anti D injection) गर्भावस्था के दौरान व प्रसव के बाद दिया जा सकता है। अगर माँ का रक्त (Blood) आरएच नेगेटिव है, तो गर्भावस्था के 28वें सप्ताह में यह इंजेक्शन दिया जाता है। वहीं यदि जन्म के बाद शिशु का रक्त आरएच पॉजिटिव है तो माँ को प्रसव के 72 घंटों के भीतर एंटी-डी इंजेक्शन दिया जाता है।
इंजेक्शन देने की प्रक्रिया (Process of Anti D Injection)
एंटी-डी इंजेक्शन देने से पहले गर्भवती महिला का रक्त जांच किया जाता है। इससे महिला के रक्त में आरएच की स्थिति का पता लगाया जाता है। इसके बाद एंटी-डी इंजेक्शन महिला के ग्लूटियल मांसपेशी में दिया जाता है। यह प्रक्रिया बेहद सरल है और तुरंत काम करती है।
एंटी-डी इंजेक्शन के साइड इफेक्ट्स (Side effects of Anti D Injection)
सामान्य रूप से एंटी-डी इंजेक्शन सुरक्षित होता है। हालांकि, कुछ महिलाओं में इसके हल्के साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं। इनमें इंजेक्शन दिए गए स्थान पर दर्द या सूजन होना, बुखार आना या एलर्जी जैसी समस्याएं शामिल हैं। साइड इफेक्ट्स ज्यादा होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर होता है।
निष्कर्ष
एंटी-डी इंजेक्शन गर्भावस्था (pregnancy) के दौरान एक बेहद महत्वपूर्ण चिकित्सा है। यह माँ-शिशु दोनों की सुरक्षा करता है। गर्भावस्था के दौरान जो महिलाएं आरएच नेगेटिव हैं, वे एंटी-डी इंजेक्शन के संबंध में अपने डॉक्टर से जरूर बातचीत करें। यह महिला के साथ-साथ शिशु के लिए भी एक स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करता है।
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