दोबारा नहीं झेलना चाहते हार्ट अटैक के लक्षण? अपनाएं ये 5 उपाय



हार्ट अटैक, एक जीवन बदल देने वाली घटना है। जिन लोगों को हार्ट अटैक के लक्षण झेलने के बाद नया जीवन मिला है, उनके लिए यह घटना किसी भयानक सपने से कम नहीं है। वैसे तो मेडिकल साइंस में आयी आधुनिकता के कारण कई लोग न सिर्फ इस जानलेवा परिस्थिति से ठीक हो जाते हैं बल्कि कई सालों तक खुशहाल जीवन भी जी पाते हैं लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि दिल के मामले में किसी तरह की लापरवाही बरती जाये।  

कुछ शोधों के अनुसार हार्ट अटैक के बाद भले ही ज्यादातर लोग ठीक हो जाते हैं लेकिन इनमें से एक चौथाई मरीजों को 90 दिनों के अंदर फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ सकता है। यह एक महत्वपूर्ण अवधि है, जब दिल से जुड़ी अन्य परेशानियों के साथ-साथ दोबारा हार्ट अटैक होने का खतरा भी बना रहता है। इसीलिए, जो लोग एक बार इस बुरे सपने का सामना कर चुके हैं, उनके लिए कुछ विशेष सावधानियां बरतना जरूरी है। आज हम ऐसे ही 5 टिप्स पर चर्चा करेंगे, जिन्हें फॉलो कर दोबारा होने वाले हार्ट अटैक के खतरे को टाला जा सकता है- 


  • समय पर दवाइयां लें- हार्ट अटैक के लक्षण नजर आने के बाद रिकवरी पीरियड के दौरान डॉक्टर मरीज को कुछ दवाइयां देते हैं, जिन्हें समय पर लेते रहना जरूरी है। कुछ दवाइयां ऐसी होती हैं, जो जूसरी बार हार्ट अटैक के जोखिम को बहुत कम कर सकती हैं। इसीलिए, अपनी दवाओं को समझना और उन्हें सही तरीके से लेना महत्वपूर्ण है। इस मामले में डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही कार्य करना चाहिये।

  • नियमित फॉलोअप करें- ऐसा कहते हैं कि एक बार हार्ट अटैक झेल चुका व्यक्ति चाहे कुछ भी भूल जाये लेकिन उसे अपने डॉक्टर का अपॉइंटमेंट और फॉलो अप  जाँच बिल्कुल भी नहीं भूलना चाहिये। नियमित रूप से फॉलो अप कराना हार्ट अटैक से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है। इससे दिल की अवस्था, रिकवरी आदि पर नज़र रखने में मदद मिलती है।

  • कार्डियक रिहैबिलिटेशन में भाग लें- कार्डियक रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम चिकित्सकों की देखरेख में किया जाता है, जो हार्ट अटैक से रिकवरी और इससे फिर से बचाव करने में मदद करता है। इस कार्यक्रम में व्यायाम प्रशिक्षण, भावनात्मक समर्थन और दिल को स्वस्थ रखने के लिए सही जीवनशैली अपनाने के बारे में बताया जाता है। 

  • सही जीवनशैली अपनाएं- दोबारा हार्ट अटैक से बचाव करने का सबसे आसान रास्ता है- सही जीवनशैली। अच्छा व पोषणयुक्त खानपान,  डॉक्टर की सलाह के अनुसार शारीरिक गतिविधियां करना, शराब व धूम्रपान जैसी चीजों से परहेज व जीवनशैली में लाये गये अन्य बदलाव हार्ट अटैक के जोखिम को हमेशा-हमेशा के लिए टाल सकते हैं। 

  • रिस्फ फैक्टर्स से बचाव करें- दोबारा हार्ट अटैक से बचने के लिए इसके रिस्क फैक्टर्स से बचाव करना बेहद आवश्यक है। इसके लिए हाई बीपी, डायबिटीज, उच्च कोलेस्ट्रॉल व डायबिटीज जैसी बीमारियों को कंट्रोल करना जरूरी है। इसके साथ ही शराब, धूम्रपान, तेल-मसाले वाला खाना या जंक फूड से परहेज करके भी हार्ट अटैक के जोखिम से बचा जा सकता है। 

निष्कर्ष (Conclusion)

हार्ट अटैक के लक्षण कहीं भी और किसी में भी नजर आ सकते हैं। विशेष रूप से एक बार इस सदमे को झेल चुके लोगों को ऊपर बतायी गयी सभी बातों का ध्यान रखना चाहिये। इससे दिल को हमेशा के लिए स्वस्थ रखने में मदद मिलेगी।

FAQ

एक बार हार्ट अटैक होने के कितने दिनों के बाद दोबारा यह घटना हो सकती है?

कुछ शोधों के अनुसार हार्ट अटैक के बाद के 90 दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान दिल से जुड़ी अन्य परेशानियों के साथ-साथ दोबारा हार्ट अटैक होने का खतरा बना रहता है।

दोबारा हार्ट अटैक से बचने के लिए जीवनशैली में क्या बदलाव करें?

दोबारा हार्ट अटैक के खतरे को कम करने के लिए अच्छा व पोषणयुक्त खानपान लें, शारीरिक गतिविधियां करें एवं शराब व धूम्रपान जैसी चीजों से दूर रहें।

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