क्या है सालाना लाखों की जान लेने वाला सर्वाइकल कैंसर?

 

हर साल सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer) के बढ़ते मामले चिंता का विषय है। अब तो यह बीमारी कम उम्र की महिलाओं में भी देखी जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वैश्विक स्तर पर, सर्वाइकल1 कैंसर महिलाओं में होने वाला चौथा सबसे आम कैंसर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में सर्वाइकल कैंसर के लगभग 6 लाख 60 हजार नए मामले सामने आए थे। डराने वाली बात तो यह है कि इसी वर्ष यह कैंसर साढ़े तीन2 लाख से ज्यादा महिलाओं की मौत का कारण बना था। 

यहाँ मतलब साफ है कि अब इस बीमारी से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाने का समय आ गया है और इसकी शुरुआत हो सकती है लोगों में जागरुकता फैलाकर। इसके लिए इस बीमारी से जुड़े हर विषय को समझना जरूरी है और यह ब्लॉग इस मामले में लोगों के बहुत काम आ सकता है।

वैसे इस बीमारी से बचाव संभव है लेकिन इसके लिए समय रहते सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों को पहचनना जरूरी है।

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण (Symptoms of Cervical Cancer) 

सर्वाइकल कैंसर को आसान भाषा में सर्विक्स (Cervix) से शुरू होने वाला कैंसर कहा जाता है।  इस बीमारी से पीड़ित महिलाओं में सामान्य तौर पर शुरुआती चरणों में कोई खास लक्षण नज़र नहीं आते हैं। इसके बावजूद नीचे बताये गये कुछ लक्षणों पर ध्यान देकर शुरुआती दौर में ही इस कैंसर का पता लगाया जा सकता है।

इन लक्षणों में शामिल हैं - 
  • सेक्स या रजोनिवृत्ति (Menopause) के बाद ब्लीडिंग होना
  • योनि से पानी जैसा डिस्चार्ज होना
  • इस पानी जैसे डिस्चार्ज में तेज गंध या खून आना
  • पीरियड्स में अधिक ब्लीडिंग होना
  • पीरियड्स का सामान्य से लंबा चलना
  •  पेल्विक दर्द या सेक्स के दौरान दर्द
  • पीठ दर्द
  • थकान
  • पैरों में दर्द
  • भूख न लगना
एक बात ध्यान में रखें कि उपर बताये गये लक्षण सर्वाइकल कैंसर का ही संकेत हो, यह जरूरी नहीं है। कभी-कभी कुछ अन्य संक्रमण के कारण भी इस तरह की परेशानियां हो सकती हैं। इसीलिए, समय रहते जाँच कराना आवश्यक है। 

किन कारणों से होता है सर्वाइकल कैंसर?(Causes of Cervical Cancer)

हमारे शरीर में अधिकांश कोशिकाओं का एक निश्चित जीवनकाल होता है और उसके बाद वे कोशिकाएं मर जाती हैं। हालांकि, कैंसर वाली कोशिकाएं मरती नहीं हैं बल्कि वे विभाजित होती रहती हैं। इससे कोशिकाओं का  ज्यादा निर्माण होता है, जो अंत में एक गांठ या ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। 

गर्भाशय कैंसर के मुख्य कारणों में एचपीवी संक्रमण (Human papillomavirus infection) प्रमुख है, जो एक यौन संचारित वायरस होता है। एचपीवी 100 से अधिक प्रकार के हो सकते हैं, जिनमें से कम से कम 13 गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का कारण बन सकते हैं।

इसके अलावा सर्वाइकल कैंसर के अन्य कारणों में शामिल है-
  • एक से ज्यादा व्यक्ति के साथ संबंध बनाना
  • नियमित धूम्रपान करना 
  • कमजोर इम्युनिटी
  • गर्भनिरोधक गोलियों का ज्यादा उपयोग
  • अन्य यौन संचारित रोग (Sexually transmitted diseases (STDs)

इस बीमारी से ठीक होने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका है समय पर इसकी जाँच होना। 

कैसे की जाती है सर्वाइकल कैंसर की जांच? (Diagnosis of Cervical Cancer)

सर्वाइकल कैंसर का पता करने के लिए पैप स्मीयर टेस्ट (Pap Smear Test) किया जाता है, जिसे पैप टेस्ट भी कहते हैं। यह परीक्षण गर्भाशय पर असामान्य कोशिकाओं की जांच करता है, जो कैंसरयुक्त होते हैं या कैंसर बनने की क्षमता रखते हैं। पैप टेस्ट से सर्वाइकल कैंसर के अधिकांश मामलों का पता लगाया जा सकता है। 

पैप स्मीयर टेस्ट के असामान्य आने पर निम्नलिखित टेस्ट किए जा सकते हैं -
  • कॉल्पोस्कोपी
  • पंच बायोप्सी
  • एंडोसर्विकल क्यूरेटेज
  • लूप इलेक्ट्रोसर्जिकल एक्सीजन प्रक्रिया 
अगर जाँच में सर्वाइकल कैंसर की पुष्टी हो जाये, तब तुरंत इलाज कराना जरूरी है। इस रोग के कई चरण होते हैं और उसी के अनुसार इलाज की प्रक्रिया शुरू की जाती है।

जानें सर्वाइकल कैंसर के विभिन्न चरणों के बारे में (Stages of cervical cancer)

सर्वाइकल कैंसर को 4 चरणों4 में बांटा गया है। इससे यह पता चलता है कि यह बीमारी शरीर में किस हद तक फैल चुकी है।  

पहला चरण- इसके पहले चरण में यह देखा जाता है कि कैंसर कोशिकाएँ सतह से गर्भाशय ग्रीवा के गहरे ऊतकों में और संभवतः गर्भाशय में और आस-पास के लिम्फ नोड्स में बढ़ गई हैं या नहीं।

दूसरा चरण- इस स्टेड में कैंसर गर्भाशय ग्रीवा और गर्भाशय से आगे बढ़ चुका होता है, लेकिन इसका फैलाव पेल्विस की दीवारों या योनि के निचले हिस्से तक नहीं होता है। 

तीसरा चरण- इस चरण में लक्षण तब ज्यादा दिखने लगते हैं, जब कैंसर कोशिकाएँ योनि के निचले हिस्से या पेल्विस की दीवारों में मौजूद होती हैं। इससे मूत्रवाहिनी, मूत्राशय से मूत्र ले जाने वाली नलियों में ब्लॉकेज की समस्या पैदा हो सकती है। 

चौथा चरण- इस चरण में सर्वाइकल कैंसर मूत्राशय या मलाशय को प्रभावित करता है और पेल्विस से बाहर की ओर बढ़ना शुरू कर देता है।  इस चरण के मरीज में कैंसर कोशिकाएं धीरे-धीरे लीवर, हड्डियों एवं यहाँ तक कि फेफड़ों तक भी फैल जाती हैं।

सर्वाइकल कैंसर का इलाज (Treatment of Cervical Cancer)

सर्वाइकल कैंसर के उपचार के विकल्पों में सर्जरी, रेडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी या इनका मिश्रण शामिल है। इलाज का तरीका कई कारकों पर निर्भर करता है, जिनमें कैंसर का चरण, मरीज की उम्र और मरीज के संपूर्ण स्वास्थ्य की जानकारी शामिल है। 

सर्वाइकल कैंसर से बचाव के उपाय (Prevention from Cervical Cancer)

अगर कुछ बातों का ध्यान रखा जाये तो इस जानलेवा बीमारी से बचाव किया जा सकता है- 
  • ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) वैक्सीन लगाएं
  • सुरक्षित सेक्स करें
  • गर्भाशय ग्रीवा की नियमित जांच कराएं
  • ज्यादा लोगों के साथ संबंधन बनाएं
  • धूम्रपान से परहेज करें

निष्कर्ष (Conclusion)

सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाली एक जानलेवा बीमारी जरूर है लेकिन सर्वाइकल कैंसर से बचा जा सकता है। इससे बचाव के सबसे कारगर उपायों में एचपीवी वैक्सीन को प्रमुख माना जाता है। सही समय पर इस बीमारी के लक्षण, कारण, प्रकार और जांच को समझकर व उचित इलाज से इस बीमारी से राहत पाना संभव है।

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