प्रेग्नेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द होना सामान्य है। कई बार गैस, अपच या कब्ज जैसी समस्याओं के कारण महिलाओं को पेट में दर्द शुरू हो जाता है। ऐसी स्थिति में ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं होती। वहीं कभी-कभी पेट के निचले हिस्से में दर्द के कारण में कुछ गंभीर समस्याएं शामिल हो सकती हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना माँ और बच्चे दोनों को नुकसान पहुँचा सकता है। इसीलिए गर्भावस्था में महिलाओं में पेट के निचले हिस्से में दर्द के कारण को समझना जरूरी है। आज हम
ऐसे ही 6 कारणों पर चर्चा करेंगे जो इस प्रकार से हैं -
1. एक्टोपिक प्रेग्नेंसी
जब फर्टिलाइज एग गर्भाशय से ना जुड़कर फैलोपियन ट्यूब, सर्विक्स या अन्य जगहों से जुड़ जाता है और बढ़ने लगता है तो इस स्थिति को एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कहते हैं। ऐसी स्थिति में महिला को पेट के निचले हिस्से में दर्द का एहसास हो सकता है। गर्भावस्था के 4 से 12 हफ्तों के बीच एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के लक्षण नजर आते हैं। ऐसी स्थिति में चिकित्सक से तुरंत संपर्क करना आवश्यक है।
(Ref)2. गर्भपात
प्रेग्नेंसी में
महिलाओं में पेट के निचले हिस्से में दर्द के कारण में गर्भपात भी शामिल है। गर्भावस्था के 24 हफ्ते बीत जाने से पहले अगर महिला को पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस हो और रक्तस्त्राव की समस्या भी शुरू हो जाये तो ये गर्भपात का संकेत हो सकते हैं। ऐसी अवस्था में तुरंत महिला को अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिये।
(Ref)3. प्रीमेच्यौर लेबर
प्रेगनेंसी के 37वें सप्ताह से पहले ही अगर महिला को लगातार पेट के निचले हिस्से में दर्द एवं गर्भाशय में संकुचन का एहसास हो तो ये प्रीमेच्यौर लेबर का संकेत हो सकता है। ऐसे में महिला को बिना देरी किये अस्पताल ले जाना जरूरी है।
(Ref)4. एक्यूट फैटी लिवर
गर्भावस्था के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द के कारण में एक्यूट फैटी लिवर की समस्या भी शामिल है। गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में ये परेशानी नजर आती है। इसमें
पेट के निचले हिस्से में दर्द के साथ-साथ उल्टी, जी मिचलाना, पीलिया, सिर दर्द व अन्य तकलीफों से भी महिला को गुजरना पड़ता है।
(Ref)5. प्री-एक्लेम्पसिया
प्रेग्नेंसी में प्री-एक्लेम्पसिया भी महिलाओं में पेट के निचले हिस्से में दर्द के कारण में शामिल है। ये दर्द पसलियों के ठीक नीचे खासकर दाहिनी तरफ होता है। इसके साथ ही महिलाओं में तेज सिरदर्द, धुंधला नजर आना एवं हाथ-पैर में सूजन जैसे लक्षण नजर आते हैं। इस अवस्था में महिला को तुरंत अपना इलाज शुरू कराना चाहिये।
(Ref)6. प्लेसेंटल अब्रप्शन
प्रसव से पहले जब प्लेसेंटा आंशिक रूप से या पूरी तरह गर्भाशय की दीवार से अलग हो जाता है तो इस स्थिति को प्लेसेंटल अब्रप्शन कहते हैं। इस अवस्था में भी महिला को पेट के निचले हिस्से में दर्द होने लगता है। ये एक आपातकालीन स्थिति है क्योंकि इसमें बच्चे तक पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व नहीं पहुँच पाता। ऐसी स्थिति में महिला को तुरंत अस्पताल ले जाना बेहतर होता है।
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इसीलिए प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द की समस्या को गंभीरता से लेना जरूरी है। सबसे ज्यादा जरूरी है
पेट के निचले हिस्से में दर्द के कारण को समझना। गर्भावस्था में महिलाओं में पेट के निचले हिस्से में दर्द के कारण को अच्छे से समझ लिया जाये तो माँ और बच्चे को कई तरह की जटिलताओं से बचाया जा सकता है।
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