हार्ट फेलियर के मरीजों की हो सकती है सडन कार्डियक अरेस्ट से मौत। जी हाँ!! आपने बिलकुल सही पढ़ा। वर्तमान में हार्ट से जुड़ी बीमारियां एक चर्चा का विषय बनी हुई है। आये दिन हार्ट अटैक और हार्ट फेल होने से मौत की खबरे सुनने को मिल ही जाती है। चूंकि हार्ट अटैक के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं तो लोगों को इसके बारे में थोड़ी बहुत जानकारी हो सकती है। वहीं अगर बात हार्ट फेलियर की करें तो अभी भी लोगों को इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। इसे दिल की विफलता भी कहा जाता है। तो आइये पहले जानते हैं कि यह होता क्या है।
हार्ट फेलियर क्या है, जानें?
व्यक्ति का हार्ट फैल तब होता है जब हृदय शरीर के अन्य अंगों तक पर्याप्त मात्रा में ब्लड नहीं पहुंचा पाता है। हार्ट फेलियर किसी भी उम्र में हो सकता है लेकिन वृद्ध लोगों में यह सबसे आम है। इसे आमतौर पर ठीक नहीं किया जा सकता है। मगर इसके कारणों को समझकर इस स्थिति को पैदा होने से रोका जा सकता है।
तो आइए बात करते हैं उन स्थितियों के बारे में जो बन सकती है हार्ट फेलियर का कारण:
1. कोरोनरी हृदय रोग
कुछ धमनियां है जो हृदय तक रक्त पहुँचाती है। जब इन्हीं धमनियों में वसायुक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं तो ये धमनियां सिकुड़ जाती हैं। धमनियों के सिकुड़ने से हृदय की मांसपेशियों और शरीर के बाकी हिस्सों में खून ठीक से नहीं पहुंच पाता है। समय के साथ, इसकी वजह से हृदय की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। जिसकी वजह से हार्ट फेलियर का खतरा बढ़ सकता है।
2. हाई ब्लड प्रेशर
उच्च रक्तचाप को कंट्रोल करना बेहद जरुरी होता है। यदि इसे नियंत्रित नहीं किया जाये तो यह व्यक्ति में
हार्ट फेलियर के जोखिम को बढ़ा सकता है। रक्तचाप का स्तर जितना अधिक होगा, अन्य स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे हार्ट अटैक, स्ट्रोक आदि का खतरा उतना ही अधिक हो सकता है। ब्लड प्रेशर बढ़ने से हार्ट पर अतिरिक्त तनाव भी पड़ता है। जो समय के साथ व्यक्ति में हार्ट फैल होने का कारण बन सकता है।
3. कार्डियोमायोपैथी
कार्डियोमायोपैथी को आम भाषा में हृदय की मांसपेशियों का रोग कहा जाता है।यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हृदय की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। जिसकी वजह से हृदय के लिए शरीर के अन्य अंगों तक रक्त पहुंचना कठिन हो सकता है। ये स्थिति अनियमित दिल की धड़कन, दिल की विफलता या कार्डियक अरेस्ट आदि स्थितियों का कारण बन सकती है।
हार्ट फेलियर एक गंभीर लॉन्ग-टर्म स्थिति है। इसमें आमतौर पर समय के साथ धीरे-धीरे हृदय की स्थिति खराब होती जाती है। इस समस्या से बचना है तो ऊपर बताये गए कारणों पर ध्यान दें। समय-समय पर हृदय की स्थिति का पता लगाने की कोशिश करें। इसका पता लगाने के लिए नियमित जांच कराते रहें। इससे आप हृदय से जुड़ी समस्याओं के संभावित खतरों से खुद को बचा सकते हैं।
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