कहीं चोट के निशान न बन जाएं आपके तनाव का कारण! रहें सावधान

 

चोट के निशान

चोट के निशान अगर नहीं गये तो क्या होगा?

इन निशानों को देखकर न जानें लोग क्या कहेंगे? 
अगर आप भी इन सवालों से घिरे हुए हैं तो सतर्क हो जाएं। ये सवाल आपके जीवन में तनाव का कारण बन सकते हैं। जी हाँ, सही सुना आपने। अगर समय बीत जाने के बाद भी पुराने चोट के निशान नहीं जाते हैं, तो इसका असर व्यक्ति के आत्मविश्वास पर पड़ता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति के मन में कई तरह के सवाल चलने लगते हैं और देखते ही देखते वो व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। विशेष रूप से अगर कोई निशान चेहरे पर हो तो ये सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी बड़ी परेशानी का कारण बन जाता है।

चोट के निशान के कारण नजर आ सकते हैं ये इमोशनल रिएक्शन!

अगर चोट के निशान कई कोशिशों के बाद भी नहीं जाते, तो व्यक्ति हैरान-परेशान सा हो जाता है। ऐसे में उसमें कई तरह के इमोशनल रिएक्शन नजर आ सकते हैं, जैसे -
  • डर
  • असहजता
  • गुस्सा
  • चिंता
  • दर्द
  • खुद से घृणा की भावना
  • उदासी

चेहरे के चोट के निशान बन सकते हैं डिप्रेशन का मुख्य कारण!

कई बार चोट के निशान का आकार मायने नहीं रखता बल्कि निशान शरीर के किस हिस्से में है, ये सबसे बड़ी समस्या बन जाती है। अगर निशान शरीर के उस हिस्से में है, जिसे कपड़ों की मदद से छिपाया जा सकता है, तो ठीक है। वहीं, अगर ये निशान चेहरे पर हो जाये, तो इससे पुरुष और महिलाएं दोनों ही परेशान हो जाते हैं। अपने बॉडी इमेज को लेकर लोगों के मन में नकारात्मक ख्याल आने लगते हैं। ऐसी स्थिति में दूसरों के सामने जाने या लोगों से ज्यादा घुलने-मिलने में उन्हें परेशानी होने लगती है। विशेष रूप से जब लोगों का ध्यान आई कॉन्टैक्ट से ज्यादा चेहरे के निशान पर होता है, तो इसका असर सीधे-सीधे व्यक्ति के आत्मविश्वास पर पड़ता है।

सामाजिक जीवन होता है प्रभावित!

चोट के निशान को देखकर परिवार, दोस्तों या अन्य लोगों का क्या रिएक्शन आयेगा, यही डर व्यक्ति को सबसे ज्यादा सताता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति के मन में अलग-अलग भावनाएं उमड़ने लगती हैं। लोगों के रिएक्शन को लेकर उनके मन में एक चिंता और डर की भावना पैदा हो जाती है। कई बार इन कारणों से व्यक्ति खुद को आइसोलेट कर लेता है, जो उसमें डिप्रेशन का कारण बन सकता है।

जॉब या इंटरव्यू में रिजेक्शन का रहता है डर!

कुछ सर्वे की मानें तो जिन लोगों के शरीर पर चोट के निशान रहते हैं, उनमें इंटरव्यू के दौरान रिजेक्शन की आशंका ज्यादा रहती है। ये भी लोगों में तनाव बढ़ाने का एक मुख्य कारण 

क्या आपके मन में भी चोट के निशान के कारण इस तरह की भावनाएं उमड़ती हैं? लोगों के सामने जाने से या लोगों के रिएक्शन से आपको भी डर लगता है, तो तुरंत अपने चिकित्सक से संपर्क करें। सबसे पहले तो अपनी मानसिक स्थिति के बारे में चिकित्सक को बताएं और इसके साथ ही इन निशानों से छुटकारा पाने का इलाज भी करवाएं। ऐसा नहीं है कि पुराने चोट के निशान कभी नहीं जाते। सही समय पर इलाज कराने से पुराने से पुराना निशान भी गायब हो सकता है। इस मामले में घबराएं नहीं बल्कि तुरंत अपना उपचार कराएं।

FAQ

  चोट के निशान से व्यक्ति में किस तरह के इमोशनल रिएक्शन नजर आते हैं?  
   

चोट के निशान अगर नहीं जाते तो व्यक्ति बहुत ज्यादा परेशान हो जाता है। ऐसी स्थिति में डर, असहजता, गुस्सा, चिंता, दर्द, खुद से घृणा की भावना एवं उदासी जैसे इमोशनल रिएक्शन व्यक्ति में नजर आ सकते हैं।

 
  क्या चोट के निशान से व्यक्ति का सामाजिक जीवन प्रभावित होता है?  
   

अक्सर व्यक्ति यही सोचता है कि चोट के निशान को देखकर लोग क्या सोचेंगे या कहीं उनसे ज्यादा सवाल तो नहीं करेंगे। इस सोच के कारण धीरे-धीरे व्यक्ति लोगों से घुलना-मिलना कम कर देता है और इस तरह उसका सामाजिक जीवन प्रभावित होने लगता है।

 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

चाहती हैं नॉर्मल प्रेगनेंसी तो अपने डाइट चार्ट को बनाए संतुलित

‘अति’ हर चीज की खराब है, फिर चाहे वो ‘प्रोटीन’ ही क्यों न हो!

सांस लेने में है तकलीफ, कहीं ये नाक की हड्डी बढ़ने का संकेत तो नहीं!