जानें पहली बार पीरियड आने के लक्षण क्या हैं?

 

पीरियड आने के लक्षण


पीरियड या माहवारी आना एक सामान्य जैविक प्रक्रिया है। पीरियड्स की शुरुआत होने का मतलब है कि एक लड़की का शरीर अपने आप को संभावित गर्भावस्था (प्रेगनेंसी) के लिए तैयार करना शुरू कर चुका है। वैसे तो 8 से लेकर 18 साल की उम्र तक कभी भी लड़कियों में पाीरियड की शुरुआत हो सकती है लेकिन ज्यादातर लड़कियों में 10 से 14 साल की उम्र में ही पीरियड आने के लक्षण दिखाई देने लगते हैं। (Ref)

क्या होता है पीरियड?

पीरियड मेन्सट्रुअल साइकिल का हिस्सा है जिसमें कुछ समय के लिए महिला की योनि से रक्त निकलता है। ज्यादातर महिलाओं में हर 28वें दिन में इस साइकिल की शुरुआत होती है। वहीं कुछ महिलाओं में 23 से लेकर 35वें दिन तक में भी ये साइकिल शुरू हो सकता है। (Ref)

पहली बार पीरियड आने के लक्षण क्या हैं?

ज्यादातर लोगों का यही मानना है कि पीरियड का संबंध प्यूबर्टी से होता है जबकि अधिकतर लड़कियों में प्यूबर्टी के 2 साल बाद पीरियड आने के लक्षण नजर आते हैं। वैसे 10 से 14 साल की उम्र में ही लड़कियों के शरीर में बदलाव आना शुरू हो जाता है। इसे ही प्यूबर्टी एज कहते हैं। सभी लड़कियां इस दौर से गुजरती हैं। इस दौरान उनके शरीर में कई तरह के बदलाव नजर आते हैं जो पीरियड के शुरू होने का संकेत हो सकते हैं। जानें क्या हैं वो बदलाव -

1. ब्रेस्ट का आकार बढ़ना 

प्यूबर्टी एज की शुरुआत में ब्रेस्ट का आकार बड़ा होने लगता है। वैसे 11 से 12 साल की उम्र में ऐसा होता है लेकिन कुछ मामलों में कम उम्र में भी ऐसा हो सकता है।

2. शरीर पर बाल आना

पीरियड आने के लक्षण में शरीर पर बाला आना भी शामिल है। इस अवस्था में शरीर के उन हिस्सों में बाल आने लगते हैं जहाँ पहले कभी नहीं आये हैं। इसमें टांगों, अंडरआर्म्स एवं योनि के आसपास बाल आना शुरू हो जाता है। (Ref)

3. पिंपल होना

प्यूबर्टी एज में लड़कियों को चेहरे पर पिंपल की समस्या भी शुरू हो जाती है। ये भी पीरियड आने के लक्षण का संकेत हो सकता है। (Ref)

4. शरीर के आकार में बदलाव 

 ब्रेस्ट के साथ-साथ जब एक लड़की के शरीर में और भी बदलाव नजर आने लगते हैं जैसे - हिप्स का बढ़ना, वजन और लंबाई का बढ़ना आदि तो ये भी मेंसट्रुअल साइकिल के शुरू होने का संकेत हो सकते हैं। (Ref)

कैसे होती है पीरियड की शरुआत?

जब महिला पहली बार ओव्यूलेट करती है तब उसमें पीरियड की शुरुआत होती है। ऐसा तब होता है जब ओवरी फैलोपियन ट्यूब में एग्स को रिलीज करती है। इस दौरान एग के फर्टिलाइजेशन के लिए गर्भाशय की परत मोटी हो जाती है। अगर फर्टिलाइजेशन नहीं होता है तो ये परत टूटकर बाहर निकलने लगती है। इसी से रक्तस्त्राव शुरू हो जाता है। (Ref)


पीरियड आने पर लड़कियों में शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह के बदलाव नजर आते हैं। पीरियड शुरू होने के बाद भी लड़कियों को कुछ-कुछ तकलीफों से गुजरना पड़ता है। वहीं कई बार कुछ लड़कियां पहली बार योनि से  रक्तस्त्राव होता देखकर घबरा जाती हैं। अगर उन्हें पीरियड और पीरियड आने के लक्षण के बारे में पहले से पता होगा तो उनके लिए खुद को तैयार करना ज्यादा आसान होगा। इसीलिए इस मामले में जानकार बनना हर लड़की के लिए जरूरी है।

 


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