क्या घर पर हो सकता है डेंगू का उपचार?

डेंगू का उपचार

 

डेंगू एक वायरल इंफेक्शन है जो एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया आज इस बीमारी का सामना कर रही है। अगर डेंगू का उपचार सही समय पर न हो तो ये जानलेवा भी साबित हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार आज लगभग आधी दुनिया पर डेंगू का खतरा मंडरा रहा है। वहीं हर साल 100 से 400 मिलियन इंफेक्शन के मामले सामने आ रहे हैं। 

डेंगू के लक्षण क्या हैं?


विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कुछ मामलों में डेंगू के लक्षण नजर नहीं आते। वहीं कुछ में हल्के लक्षण नजर आते हैं जो 1 से 2 हफ्तों में ठीक हो जाते हैं। आम तौर पर इसके लक्षण, इंफेक्शन होने के 4 से 10 दिन बाद नजर आते हैं, जो 2 से 7 दिनों तक रह सकते हैं। एक नजर डालें डेंगू के हल्के लक्षणों पर -

  • तेज बुखार
  • तेज सिरदर्द
  • आँखों में दर्द
  • मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
  • जी मिचलाना
  • उल्टी
  • रैशेज

क्या है डेंगू का उपचार?

मच्छरों से खुद को बचाना इस बीमारी का सर्वेश्रेष्ठ इलाज है। वैसे अगर देखा जाये तो डेंगू का कोई विशिष्ट इलाज उपलब्ध नहीं है1। इस बीमारी में लक्षणों के आधार पर ही मरीज का उपचार करने पर फोकस किया जाता है। ज्यादातर मामलों में दर्द निवारक दवाईयों की मदद से घर पर ही डेंगू का उपचार किया जा सकता है1। इसके अलावा कुछ और भी बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जैसे- 

  • जितना हो सके मरीज को उतना ज्यादा आराम करना चाहिये।
  • अगर मरीज को तेज बुखार है तो हर 6 घंटे में उसे पेरासिटामोल दिया जा सकता है। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि व्यक्ति को एक दिन में पेरासिटामोल की 4 से ज्यादा डोज नहीं लेनी है। 
  • इबुप्रोफेन या एस्पिरिन जैसी दवाईयां मरीज को बिल्कुल भी न दें। इससे ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है। 
  • बुखार तेज रहने पर मरीज के शरीर को ठंडे पानी से पोछने से उसे आराम मिलता है।
  • इस बात का भी ख्याल रखना जरूरी है कि डेंगू के मरीज को डिहाईड्रेशन की समस्या बिल्कुल भी न हो। इस बीमारी में बुखार, उल्टी व अन्य कई समस्याओं के कारण व्यक्ति के शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इसीलिए ऐसे मरीजों को ज्यादा मात्रा में फ्लुइड देना जरूरी होता है।

हो सकता है कि घर पर डेंगू का उपचार होने के बाद मरीज का बुखार उतर जाये लेकिन इसके बाद भी मरीज में कुछ गंभीर लक्षण नजर आ सकते हैं। इसीलिए बुखार उतरने के बाद भी 3 से 7 दिनों तक मरीज का विशेष ध्यान रखना चाहिये। अगर इस दौरान मरीज में नीचे बताये गये कुछ गंभीर लक्षण नजर आये तो उसे तुरंत अस्पताल लेकर जाना चाहिये -

  1. लगातार उल्टी होना
  2. पेट में तेज दर्द होना
  3. तेज सांसें चलना
  4. मसूड़ों या नाक से खून निकलना
  5. थकान
  6. बेचैनी होना
  7. मल या उल्टी में खून आना
  8. बार-बार प्यास लगना
  9. त्वचा का पीला या ठंडा पड़ना
  10. बहुत ज्यादा कमजोरी का एहसास होना
अगर मरीज में ऐसे लक्षण नजर आये तो उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाकर डेंगू का उपचार किया जाना चाहिये। इस मामले में देरी की गयी तो इससे मरीज की जान भी जा सकती है। 


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