Ectopic Pregnancy in Hindi - एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy Meaning in Hindi)
प्रेगनेंसी किसी भी महिला के लिए एक सुनहरा अनुभव है। हालांकि, फर्टिलाइजेशन से लेकर बच्चे की डिलीवरी तक का समय हर महिला के लिए आसान हो, ये जरूरी नहीं है। कई प्रेगनेंसी के मामले बिल्कुल नॉर्मल होते हैं, तो वहीं कुछ मामलों में महिलाओं को तकलीफों का सामना करना पड़ता है। इन्हीं मामलों में शामिल है एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy in Hindi)। अगर आंकड़ों की मानें तो भारत में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy Meaning in Hindi) के मामले बहुत कम पाये जाते हैं। एक सर्वे के मुताबिक भारत में इस तरह की प्रेगनेंसी के सिर्फ 1-2% मामले ही सामने आये हैं। (Ref)
जानें क्या होती है एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy in Hindi)?
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी में नजर आते हैं ये लक्षण
- ऐसी स्थिति में महिला को पेट में तेज दर्द हो सकता है। कई बार ये दर्द अचानक से शुरू हो जाता है। वहीं कुछ मामले ऐसे भी हैं जहाँ महिलाएं लगातार हल्के-हल्के पेट दर्द का एहसास करती हैं और फिर यही दर्द अचानक से गंभीर हो जाता है। एक्टोपिक प्रेगनेंसी में पेट के एक तरफ के हिस्से में दर्द हो सकता है। (Ref)
- योनि से रक्तस्त्राव होना या बार-बार दाग लगना भी एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy in Hindi) के संकेत हो सकते हैं। हालांकि, इस दौरान जो रक्तस्त्राव होता है वो नॉर्मल पीरियड्स से अलग होता है। इस हालत में रक्तस्त्राव कम या ज्यादा दोनों ही हो सकता है और रंग भी नॉर्मल से ज्यादा गाढ़ा होता है। (Ref)
- महिला को कंधे में दर्द भी हो सकता है। पेट में ब्लड लीकेज के कारण ये तकलीफ पैदा होती है। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी में कंधे का दर्द हमेशा बना रहता है और सोते वक्त ये दर्द बढ़ जाता है। दर्द निवारक दवाईयों से भी इस दर्द से महिला को आराम नहीं मिलता। ऐसी स्थिति में महिला को तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिये। (Ref)
- माहवारी का देरी से आना एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy in Hindi) का शुरुआती लक्षण हो सकता है। (Ref)
- ऐसी स्थिति में महिला को डायरिया या मल त्याग के शुरुआत में दर्द महसूस हो सकता है। (Ref)
- एक्टोपिक प्रेग्नेंसी में अगर फैलोपियन ट्यूब रप्चर हो जाये तो आंतरिक रक्तस्त्राव शुरू हो सकता है। ऐसी हालत में महिला पेट में तेज दर्द के साथ बेहोश भी हो सकती है। अगर किसी महिला में ऐसे लक्षण नजर आये तो इसे मेडिकल इमरजेंसी मानते हुए तुरंत चिकित्सक के पास लेकर जाना चाहिये। (Ref)
किनमें हो सकता है एक्टोपिक प्रेगनेंसी (Ectopic Pregnancy Meaning in Hindi) का खतरा -
- अगर कोई महिला पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज जैसे पेल्विक टीबी व अन्य समस्याओं से गुजर चुकी है तो उसमें एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy in Hindi) का खतरा बढ़ जाता है। (Ref)
- जो महिलाएं पहले भी एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का सामना कर चुकी हैं, उनमें फिर से इस तरह की प्रेगनेंसी होने का जोखिम बना रहता है। (Ref)
- अगर किसी महिला का फैलोपियन ट्यूब पहले से क्षतिग्रस्त है तो उसे भी इस तरह की प्रेगनेंसी से गुजरना पड़ सकता है। (Ref)
- इंट्रायूटराइन डिवाइस की मदद से होने वाली प्रेगनेंसी, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी हो सकती है। (Ref)
- यौन संचारित रोग से पीड़ित महिलाओं में भी एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy in Hindi) का जोखिम बढ़ जाता है। (Ref)
- धूम्रपान भी महिलाओं में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के खतरे को बढ़ा सकता है इसीलिए महिलाओं को इस मामले में सावधान रहना चाहिये। (Ref)
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का पता कैसे लगाया जाता है?
- यूरिन प्रेगनेंसी टेस्ट
- अल्ट्रासाउंड
- ब्लड टेस्ट
- लेप्रोस्कोपी
- एमआरआई
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