Symptoms of Mouth Cancer in Hindi - जानें मुंह के कैंसर के लक्षण!

symptoms of mouth cancer in hindi

क्या आप जानते हैं कि मुँह के कैंसर के मामलों में भारत पूरी दुनिया में प्रथम स्थान पर है? हैरान मत होइये क्योंकि ये सच्चाई है। आंकड़ों की मानें तो भारत में हर साल 1 लाख से ज्यादा मुँह के कैंसर के मामले दर्ज होते हैं। वहीं यहाँ 1 लाख में से 19 लोगों में मुँह के कैंसर के लक्षण (Symptoms of Mouth Cancer in Hindi) नजर आते हैं। ये कैंसर सबसे ज्यादा पुरुषों में पाया जाता है। वहीं महिलाओं में पाया जाने वाला ये तीसरा सबसे बड़ा कैंसर है। (Ref- Click here)

क्या होता है मुँह का कैंसर?

ओरल कैविटी के किसी भी भाग में जैसे जीभ, होंठ, गाल का अंदरूनी हिस्सा, मुँह का तल, साइनस आदि जगहों पर होने वाले कैंसर को ओरल कैंसर यानी कि मुँह का कैंसर कहा जाता है। (Ref- Click here)

मुंह के कैंसर के इन लक्षणों को न करें इग्नोर!

मुँह के कैंसर के लक्षण (Symptoms of Mouth Cancer in Hindi) को पहचानना बहुत ज्यादा मुश्किल काम नहीं है। अगर व्यक्ति थोड़ा सा जागरूक रहे और समय रहते इस बीमारी के लक्षणों को पहचान ले तो इससे राहत पाना आसान हो सकता है। एक नजर डालें इस बीमारी के लक्षणों पर -
  • अगर मुँह के अंदर सफेद या लाल रंग के धब्बे नजर आये तो ये ओरल कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
  • मुँह में नीचे की तरफ ल्यूकोप्लेकिया हो जाये तो इससे भी व्यक्ति को मुँह का कैंसर हो सकता है।
  • मुँह में 2 या उससे ज्यादा छाले होना और 3 हफ्ते बीत जाने के बाद भी उन छालों का ठीक न होना ओरल कैंसर का संकेत हो सकता है।
  • अगर 3 हफ्ते से ज्यादा बीत जाने के बाद भी मुँहे के अंदर सूजन की समस्या बनी रहे तो ये मुँह के कैंसर का लक्षण हो सकता है।
  • कुछ भी निगलते वक्त गले में दर्द होना भी इस बीमारी के लक्षणों में शामिल है।
  • कुछ भी चबाने में परेशानी होना, किसी से ठीक से बात न कर पाना या जीभ हिलाते वक्त दर्द होना आदि मुँह के कैंसर के लक्षण (Symptoms of Mouth Cancer in Hindi) हो सकते हैं। 
  • गले में लगातार दर्द रहना भी इस बीमारी को दर्शाता है।
  • कान में दर्द होना भी मुँह के कैंसर के लक्षणों में शामिल है।
  • आवाज का बदल जाना या कर्कश हो जाना भी ओरल कैंसर की तरफ इशारा करता है।
  • अगर बिना किसी कारण के व्यक्ति का वजन अचानक घटने लगे तो ऐसे में उसे तुरंत अपनी जाँच करानी चाहिये क्योंकि ओरल कैंसर में भी यह लक्षण नजर आ सकता है।
  • अनाचक से स्वाद का बदल जाना या फिर मिर्च-मसाला बिल्कुल भी न खा पाना आदि मुँह के कैंसर के लक्षण (Symptoms of Mouth Cancer in Hindi) हो सकते हैं।

रिस्क फैक्टर्स जो बढ़ाते हैं मुँह के कैंसर का खतरा

कई ऐसे रिस्क फैक्टर्स हैं जिसके कारण व्यक्ति आसानी से ओरल कैंसर की चपेट में आ सकता है। इनमें सबसे पहला और प्रमुख रिस्क फैक्टर है -

1. तंबाकू का सेवन

आंकड़ों के अनुसार मुँह के कैंसर के जितने मामले सामने आते हैं उनमें से 95% कैंसर का कारण तंबाकू है। ज्यादातर लोग सिगरेट के रूप में तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा कई लोग बीड़ी, गुटखा, पाइप व सिगार का भी इस्तेमाल करते हैं जो मुँह के कैंसर के लक्षण (Symptoms of Mouth Cancer in Hindi) को बढ़ा सकता है। इस बारे में जयपुर के श्वसन रोग विशेषज्ञ डॉ. विकास पिलानिया का कहना है कि तंबाकू का सेवन ही कैंसर का मुख्य कारण है। हर प्रकार के तंबाकू का सेवन कैंसर के खतरे को बढ़ा देता है। जो लोग गुटखा या खैनी खाते हैं उनमें ओरल कैंसर होने का रिस्क सबसे ज्यादा रहता है। 

2. शराब का सेवन

आजकल लोगों में शराब की लत भी बढ़ रही है। खास तौर पर युवा पीढ़ी शराब की आदि होती जा रही है। ऐसे में किसी भी प्रकार के शराब का सेवन व्यक्ति को ओरल कैंसर का शिकार बना सकता है। (Ref- Click here)

3. एचपीवी

मुँह के कैंसर के रिस्क फैक्टर्स में एचपीवी ओरल इंफेक्शन भी शामिल है। इसके कारण ऑरोफेरिन्जियल कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। (Ref- Click here)

4. यूवी किरणों की तरफ ज्यादा एक्सपोजर

यूवी किरणों की तरफ ज्यादा एक्सपोजर होने से व्यक्ति में लिप कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है। (Ref- Click here)

5. 40 साल से ज्यादा उम्र का होना

कुछ सर्वे के मुताबिक उम्र बढ़ने के कारण भी  व्यक्ति में मुँह के कैंसर के लक्षण नजर आ सकते हैं। 40 साल की उम्र पार कर चुके पुरुषों में इस बीमारी के होने का खतरा ज्यादा रहता है। (Ref- Click here)

6. सिर या गर्दन के कैंसर का इतिहास होना

अगर किसी व्यक्ति में सिर या गर्दन के कैंसर का इतिहास रहा है तो उसमें भी ओरल कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। (Ref- Click here)

मुँह के कैंसर से बचाव के लिए क्या करें?

कुछ बातों को अगर ध्यान में रखा जाये तो व्यक्ति को मुँह के कैंसर से बचाया जा सकता है, जैसे -
  • अगर व्यक्ति तंबाकू का सेवन छोड़ दे तो उसमें ओरल कैंसर होने का खतरा 50% तक टाला जा सकता है। 
  • कुछ अध्ययनों के मुताबिक अगर व्यक्ति शराब के सेवन से परहेज शुरू कर दे तो उसमें मुँह के कैंसर के लक्षण विकसित होने का खतरा कम हो जाता है।
  • ओरल हाइजीन, सेल्फ ओरल एग्जामिनेशन एवं लगातार अपने मुँह की जाँच कराते रहने से भी व्यक्ति इस गंभीर बीमारी से बच सकता है। सेल्फ ओरल एग्जामिनेशन के तहत महीने में एक बार व्यक्ति को अपने मुँह की जाँच स्वयं जरूर करनी चाहिये।
  • मछली, अंडा, फल एवं पकी हुई सब्जियों का सेवन भी व्यक्ति को ओरल कैंसर से बचाने में मददगार होते हैं।
  • सूर्य की किरणों के संपर्क में कम आने से भी ओरल कैंसर का खतरा कम होता है।

उपर बताये गये बातों को अगर व्यक्ति अपना ले तो मुँह के कैंसर के लक्षण  (Symptoms of Mouth Cancer in Hindi) को बढ़ने से रोकना आसान हो सकता है। लोग जानते हैं कि तंबाकू का सेवन हानिकारक है लेकिन फिर भी वे जान बूझकर उसका सेवन करते हैं और खुद की जान को खतरे में डालते हैं। इसी जागरूकता की कमी के कारण ही भारत में ओरल कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इसीलिए इस मामले में लोगों का जागरूक होना और जानकार बनना जरूरी है, तभी इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है। 




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