हार्ट अटैक का उपचार है संभव! जानें कैसे देता है एंजियोप्लास्टी नयी जिंदगी?
एक वक्त था जब हार्ट अटैक को जीवन का अंत मान लिया जाता था लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं। मेडिकल साइंस में इजात किये गये आधुनिक तकनीकों की मदद से हार्ट अटैक को हराना अब संभव हो चुका है। इन्हीं तकनीकों में से एक है एंजियोप्लास्टी। चिकित्सकों का भी यही मानना है कि इस पद्धति की मदद से हार्ट अटैक का उपचार अब और भी ज्यादा आसान हो गया है। एंजियोप्लास्टी को समझने से पहले जान लें क्या हैं हार्ट अटैक के लक्षण?
हार्ट अटैक के लक्षण
- सीने में दर्द
- दिल की धड़कन का बढ़ना
- पसीना आना
- आँखों के सामने धुंधलापन छाना
- चक्कर आना
- जी मिचलाना
- हाथ या कंधे में दर्द होना
इसके अलावा भी हार्ट अटैक के कुछ और गंभीर लक्षण मरीज में नजर आ सकते हैं। ऐसी स्थिति में बिना देरी किये हार्ट अटैक का उपचार कराना जरूरी है तभी मरीज की जान बचायी जा सकती है। इसी उपचार के तरीकों में एंजियोप्लास्टी शामिल है जिसे समझना हर व्यक्ति के लिए आवश्यक है।
जानें क्या होती है एंजियोप्लास्टी?
कैसे की जाती है एंजियोप्लास्टी?
- सबसे पहले मरीज को दवाई दी जाती है ताकि वो थोड़ा रिलैक्स हो जाये। फिर कमर या हाथ में चिकित्सक द्वारा निर्धारित जगह को सुन्न कर दिया जाता है। इसके बाद धमनी में कैथेटर को प्रवेश कराया जाता है ताकि हार्ट अटैक का उपचार शुरू किया जा सके।
- इस कैथेटर की टिप पर छोटा सा गुब्बारा लगा रहता है जिसे ब्लॉक हो चुकी धमनी तक पहुँचाया जाता है।
- जब गुब्बारा ब्लॉक हो चुकी धमनी तक पहुँच जाता है तो फिर उसे फुलाया जाता है। इसके पश्चात गुब्बारे की मदद से धमनी में जमे प्लाक को हटाया जाता है ताकि रक्त का प्रवाह फिर से शुरू हो सके। ये प्रक्रिया एक से ज्यादा बार की जा सकती है।
- कभी-कभी इस गुब्बारे के उपर स्टेंट लगा दिया जाता है। फिर इस स्टेंट को धमनियों की दीवारों पर इस तरह लगाया जाता है जिससे ब्लॉक हो चुकी धमनियों को खोलने में मदद मिले।
- जब ब्लॉक हो चुकी धमनी खुल जाती है तो गुब्बारे और कैथेटर को बाहर निकाल दिया जाता है। (Ref )
एंजियोप्लास्टी के फायदे
- इसमें किसी तरह के कट या एनेस्थीसिया के इस्तेमाल की जरूरत नहीं होती।
- मरीज को कम दर्द का एहसास होता है।
- कई लोग उसी दिन से चलना-फिरना शुरू कर देते हैं।
- ज्यादातर लोगों को एंजियोप्लास्टी कराने के अगले दिन ही छुट्टी दे दी जाती है।
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