डायबिटीज क्या है? ये एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब हर एक व्यक्ति के पास होना चाहिये। डायबिटीज सिर्फ बुजुर्गों को ही नहीं बल्कि बच्चों और युवा पीढ़ी को भी प्रभावित कर रहा है। ये बीमारी तब पैदा होती है जब या तो पैन्क्रियाज में उचित मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं होता या फिर पैन्क्रियाज द्वारा बनाये गये इंसुलिन का उपयोग शरीर प्रभावी ढंग से नहीं कर पाता। इन दोनों ही स्थितियों में रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है और व्यक्ति डायबिटीज का शिकार हो जाता है।
5 मुख्य लक्षण जो देते हैं टाइप 2 डायबिटीज का संकेत
वैसे तो डायबिटीज कई प्रकार के होते हैं लेकिन इनमें से मुख्य है - टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज। टाइप 2 डायबिटीज होने पर व्यक्ति में अचानक ही लक्षण नजर आने लगते हैं जो कि इस प्रकार से हैं -
- अचानक से बहुत ज्यादा प्यास लगना
- जरूरत से ज्यादा पेशाब आना
- आँखों से धुंधला दिखाई देना
- हर वक्त थकावट का एहसास होना
- बिना किसी कारण के अचानक वजन का घटना
टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण
ये बीमारी मुख्य रूप से बच्चों में पायी जाती है। इसमें नजर आने वाले लक्षण हैं -
- वजन घटना
- बार-बार पेशाब लगना
- बहुत ज्यादा प्यास और भूख लगना
- थकान होना
- कमजोरी लगना
- जी मिचलाना
- उल्टी
डायबिटीज का पता कैसे लगाएं?
डायबिटीज का सही समय पर निदान होना जरूरी है। इसके लिए नीचे बताये गये कुछ जाँचों को कराना अनिवार्य है -
ए1सी टेस्ट
बीते 2-3 महीनों में रक्त मे शुगर की मात्रा कितनी है, इसकी जानकारी ए1सी टेस्ट से मिल सकती है।अगर ए1सी 5.7% से नीचे होता है तो इसका मतलब व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल सामान्य है। वहीं 5.7% से 6.4% के बीच की स्थिति प्री डायबिटीज और ए1सी का 6.5% या उससे ज्यादा होना व्यक्ति में डायबिटीज की पुष्टी करता है।
फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट
इसमें डायबिटीज का पता लगाने के लिए खाने के पहले मरीज के रक्त की जाँच की जाती है। अगर फास्टिंग में ब्लड शुगर लेवल 99 एमजी/डीएल रहता है तो इसे नॉर्मल की श्रेणी में रखा जाता है। वहीं अगर यही ब्लड शुगर लेवल 100-125 एमजी/डीएल रहता है तो इसे प्रीडायबिटीज और 126 एमजी/डीएल या उससे ज्यादा होता है तो उसे डायबिटीज की श्रेणी में रखा जाता है।
ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट
इसमें ब्लड शुगर लेवल की जाँच खाली और भर पेट दोनों तरह से की जाती है। इसमें व्यक्ति को ग्लूकोज पीने के लिए दिया जाता है और फिर उसके ब्लड शुगर लेवल की जाँच की जाती है। अगर 2 घंटे बाद ब्लड शुगर लेवल 140 एमजी/डीएल या उससे नीचे रहता है तो उसे नॉर्मल, 140 से 199 एमजी/डीएल के बीच में रहता है तो उसे प्रीडायबिटीज और 200 एमजी/डीएल या उससे ज्यादा रहता है तो उसे डायबिटीज की श्रेणी में रखा जाता है।
ये टेस्ट कभी भी किया जा सकता है। अगर इसमें ब्लड शुगर लेवल 200 एमजी/डीएल या उससे ज्यादा रहता है तो इसका मतलब व्यक्ति को डायबिटीज है।
डायबिटीज क्या है, इसके लक्षण और निदान को समझ लिया जाये तो समय रहते व्यक्ति में इस बीमारी का पता लगाया जा सकता है। अगर इस मामले में देरी हुई तो व्यक्ति को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसीलिए जागरूक बनें ताकि आप स्वयं को डायबिटीज से बचा सकें।
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