प्रेगनेंसी में रक्तस्त्राव होने की शिकायत कई महिलाएं करती हैं। ये समस्या या तो प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में या फिर आखिर के महीनों में हो सकती है। वैसे तो प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होना नॉर्मल है लेकिन कई बार कुछ गंभीर कारणों से भी महिला को इस समस्या से गुजरना पड़ सकता है। इसीलिए इस स्थिति को नजरअंदाज करना बिल्कुल भी उचित नहीं है क्योंकि यहाँ सवाल माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य का है।
आंकड़ों के मुताबिक गर्भावस्था की पहली तिमाही में 15 से 25% महिलाओं में रक्तस्त्राव की समस्या देखी जाती है। फर्टिलाइज्ड एग अगर गर्भाशय की दीवार से जुड़ जाता है तो ऐसे में फर्टिलाइजेशन के 1-2 सप्ताह बाद हल्की ब्लीडिंग होना या दाग लगना जैसी परेशानियां नजर आती हैं। इसके अलावा सेक्स एवं पेप टेस्ट के बाद भी महिलाओं को इस परेशानी से गुजरना पड़ सकता है। (Ref)
वहीं अगर रक्तस्त्राव लगातार हो तो ये परेशानी की बात हो सकती है। जी हाँ, कुछ ऐसे कारण हैं जो इस बात का संकेत हो सकते हैं कि प्रेगनेंसी में सबकुछ ठीक नहीं है। आज हम ऐसे ही 5 कारणों पर चर्चा करेंगे जिसकी जानकारी हर महिला को होनी चाहिये -
1. एक्टोपिक प्रेगनेंसी
जब फर्टिलाइज्ड एग गर्भाशय की जगह फैलोपियन ट्यूब, सर्विक्स या फिर एब्डोमिनल कैविटी से जुड़कर बढ़ने लगता है तो इसे एक्टोपिक प्रेगनेंसी कहते हैं। इस स्थिति में महिला की योनि से रक्तस्त्राव शुरू हो जाता है। इस तरह की प्रेगनेंसी को रिमूव करना बेहतर होता है वरना इससे महिला को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। (Ref) 2. मिसकैरेज
प्रेगनेंसी के शुरुआती हफ्तों में अगर महिला को बहुत ज्यादा रक्तस्त्राव होता है तो ये मिसकैरेज यानी कि गर्भपात का संकेत हो सकता है। गर्भावस्था की शुरुआत में 1 से 12 हफ्तों के बीच ये स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस दौरान पेट में तेज दर्द भी शुरू हो जाता है। ऐसे में बिना देरी किये जाँच कराना जरूरी है। (Ref) 3. प्लेसेंटल अब्रप्शन
प्रसव से पहले जब प्लेसेंटा आंशिक रूप से या पूरी तरह गर्भाशय की दीवार से अलग हो जाता है तो इस स्थिति को प्लेसेंटल अब्रप्शन कहते हैं। रक्तस्त्राव होना इस परेशानी का मुख्य लक्षण है। गर्भावस्था की दूसरी या तीसरी तिमाही में ये समस्या उत्पन्न हो सकती है। (Ref) 4. प्री-मैच्योर लेबर
प्रेगनेंसी के 37वें सप्ताह से पहले अगर महिला को अचानक से रक्तस्त्राव होने लगे और साथ में उसे दर्द शुरू हो जाये तो ये प्री-मैच्योर लेबर का संकेत हो सकते हैं। ये एक आपातकालीन स्थिति है और ऐसे में महिला को बिना देरी किये अस्पताल ले जाना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। (Ref) 5. प्लेसेंटा प्रीविया
जब प्लेसेंटा सर्विक्स को आंशिक या पूरी तरह से ढक लेता है तो इस स्थिति को प्लेसेंटा प्रीविया कहते हैं। इस अवस्था में योनि से रक्तस्त्राव शुरू हो जाता है। अगर ये परेशानी ठीक नहीं होती है तो महिला को समय से पहले प्रसव हो सकता है और उसकी सिजेरियन डिलीवरी करनी पड़ सकती है। (
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इसीलिए प्रेगनेंसी में रक्तस्त्राव ज्यादा हो या कम, इसे हल्के में कभी भी ना लें। स्थिति अगर बिगड़ गयी तो इससे माँ और बच्चे दोनों की जान को खतरा हो सकता है। अगर गर्भावस्था में आपको ब्लीडिंग हो रही है तो तुरंत अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलें और आवश्यक जाँच कराएं।
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