शरीर के किसी हिस्से पर चोट लगने या कट जाने पर खून का निकलना बंद न होना, क्या आपके साथ हुआ है ऐसा कभी? ये आमतौर पर हीमोफीलिया के लक्षण हो सकते हैं। क्या आप जानते हैं हीमोफीलिया क्या है? आइए सबसे पहले इसके बारे में जानते हैं। जानिए हीमोफीलिया क्या है?
हीमोफीलिया आमतौर पर एक आनुवंशिक ब्लीडिंग डिसऑर्डर है। दरअसल, रक्त में कई प्रोटीन होते हैं जिन्हें क्लॉटिंग फैक्टर कहा जाता है। यह फैक्टर खून के थक्के बनाकर रक्तस्राव को रोकने में मदद करते हैं। इस डिसऑर्डर में व्यक्ति के शरीर में खून के थक्के बनाने वाले क्लॉटिंग फैक्टर का स्तर कम होता है (
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जिसकी वजह से शरीर में खून का थक्का बनना बंद हो जाता है। रक्त में थक्के बनाने वाले कारकों की मात्रा जितनी कम होगी, रक्तस्राव की संभावना उतनी ही अधिक होगी। इसलिए हीमोफीलिया से पीड़ित मरीजों को अगर किसी कारण चोट लग जाए या शरीर में किसी तरह का कट लग जाए तो खून बहना बंद नहीं होता है। इस स्थिति में अगर समय रहते मरीज को सही उपचार न मिले तो उसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इस समस्या से बचने के लिए हीमोफीलिया के लक्षण जानना बेहद जरुरी है तभी आप आवश्यक उपाय कर पायेंगें। इसके लक्षणों में शामिल हैं ये (Ref)- - गंभीर सिरदर्द
- गर्दन का स्टिफ होना
- उल्टी महसूस होना
- मानसिक स्थिति में बदलाव होना
- भ्रम होना
- बोलने में कठिनाई होना
- देखने की क्षमता में बदलाव होना
हीमोफीलिया के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि स्थिति कितनी गंभीर है। स्थिति गंभीर होने पर व्यक्ति को निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं- - अचानक नाक से खून आना
- मसूड़ों से खून बहना
- जोड़ों और मांसपेशियों के अंदर ब्लीडिंग होना
- मसूड़ों से खून बहना
- आंतरिक रक्तस्राव
यदि रक्तस्राव को रोका नहीं गया या यह समस्या मस्तिष्क में हो जाये तो इसकी वजह से व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए जब भी किसी को ऊपर बताए गए हीमोफीलिया के लक्षण का अनुभव हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
हीमोफीलिया का इलाज क्या है? जानें
हीमोफीलिया का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका होता है खून से गायब क्लॉटिंग फैक्टर को बदलना। ताकि खून के थक्के ठीक से जम सके। इसके उपचार के लिए व्यक्ति की नस में जरुरी दवाइयां इंजेक्ट की जाती है। इसे क्लॉटिंग फैक्टर कॉन्संट्रेट कहा जाता है। इस इन्फ्यूजन को स्वयं कैसे करना है, ये हीमोफीलिया से पीड़ित लोगों और उनके परिवारों को सीखना बेहद जरुरी है। ताकि वे नियमित आधार पर इन्फ्यूजन (जिसे प्रोफिलैक्सिस कहा जाता है) करके, अधिकांश रक्तस्राव के एपिसोड को भी रोक सकें। ऐसा करने से व्यक्ति खुद को अन्य गंभीर समस्याओं से बचा सकता है।
उम्मीद है कि हीमोफीलिया के लक्षण और इसके स्व-उपचार टिप्स के बारे में जानकर आप समय रहते इस समस्या को नियंत्रित कर पाएंगे। इसके अलावा किसी भी प्रकार की दुविधा होने पर या विशेष सलाह के लिए डॉक्टर से संपर्क करना न भूलें।
क्या हीमोफीलिया का पूर्ण इलाज संभव है?
फिलहाल हीमोफीलिया का पूर्ण इलाज करना संभव नहीं है। वर्तमान में इसका इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका है खून से गायब क्लॉटिंग फैक्टर को बदलना, जिससे खून के थक्के ठीक से जम सके। 1
हीमोफीलिया के लक्षण क्या हैं?
आमतौर पर हीमोफीलिया के लक्षणों में शामिल होते हैं- गंभीर सिरदर्द, गर्दन का स्टिफ होना, उल्टी महसूस होना, बोलने में कठिनाई होना, देखने की क्षमता में बदलाव होना आदि।
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