5 रिस्क फैक्टर्स जो पीरियड आने के लक्षण (PMS) को बनाते हैं गंभीर!
क्या आपको भी पीरियड आने के कुछ दिनों पहले से ही पेट में तेज दर्द शुरू हो जाता है?
क्या आप मूड स्विंग, तनाव या ज्यादा भूख लगने जैसे लक्षणों का भी अनुभव करती हैं? अगर हाँ, तो इसे पीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) कहते हैं। इसमें कुछ दिनों पहले से ही महिलाओं में पीरियड आने के लक्षण नजर आने लगते हैं, जो उन्हें बहुत ज्यादा परेशान करते हैं। एक अध्ययन में ये बताया गया है कि 4 में से 3 महिलाएं पीएमस के लक्षणों का सामना करती हैं।
पीएमएस में नजर आने वाले लक्षण क्या हैं?
- मूड स्विंग
- गुस्सा आना
- उदास होना
- डिप्रेशन
- घबराहट
- थकावट
- ध्यान केन्द्रित करने में परेशानी होना
- बेचैनी
- वजन बढ़ना
- पेट फूलना
- सिर दर्द
- पीठ में दर्द
- पिंपल्स आना
- जोड़ों में दर्द
- चक्कर आना
- जरूरत से ज्यादा खाना
- यौन इच्छा में कमी
5 फैक्टर्स जो बढ़ाते हैं पीएमएस का खतरा!
मोटापा - जो महिलाएं मोटापे की चपेट में हैं और फिजिकल एक्वटिविटी नहीं करती हैं, वे भी पीएमएस का शिकार हो सकती हैं।
तनाव - महिलाओं में तनाव भी पीएमएस के लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है। हालांकि, तनाव पीएमएस का प्रत्यक्ष कारण नहीं है।
खानपान - जरूरत से ज्यादा नमक का सेवन पेट फूलने का कारण बन सकता है। इसके साथ ही शराब का सेवन ना सिर्फ एनर्जी लेवल को कम करता है बल्कि मूड स्विंग का भी कारण बनता है। विटामिन और मिनरल्स का कम होना भी पीएमएस के लक्षणों को गंभीर बना सकता है।
अगर आपको भी पीरियड आने के लक्षण बहुत ज्यादा तकलीफ देते हैं, तो तुरंत अपनी जाँच कराएं और चिकित्सक की सलाह पर आवश्यक सावधानियां बरतें।
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