क्या आप भी सोचते हैं कि डायबिटीज सिर्फ बुजुर्गों में होने वाली बीमारी है? अगर आपका जवाब हाँ है तो आपको जागरूक होने की जरूरत है। जानकारी का यही अभाव डायबिटीज के मामले बढ़ने का सबसे मुख्य कारण है। आपको जानकार शायद हैरानी हो लेकिन बच्चे भी डायबिटीज की चपेट में आ सकते हैं। इसे टाइप 1 डायबिटीज कहते हैं। वैसे तो बड़े भी टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित हो सकते हैं लेकिन बच्चों में ये समस्या ज्यादा देखी जाती है। इसीलिए डायबिटीज किस कारण से होता है, इसे समझने की आवश्यकता सबसे ज्यादा है। तभी तो डायबिटीज से बचना संभव हो पायेगा।
सबसे पहले जानें क्या होता है टाइप 1 डायबिटीज?
जब शरीर का इम्यूनिटी सिस्टम पैन्क्रियाज में मौजूद बीटा सेल्स को नष्ट कर देता है, तब वहाँ इंसुलिन का उत्पादन या तो पूरी तरह से बंद हो जाता है या फिर बहुत कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है और रक्त में शुगर का स्तर बढ़ने लगता है। इसे ही टाइप 1 डायबिटीज कहते हैं। (
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डायबिटीज किस कारण से होता है, इसे समझने से पहले एक नजर डालें इस बीमारी के लक्षणों पर -
टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण
- बार-बार पेशाब का एहसास होना
- बहुत ज्यादा प्यास एवं भूख लगना
- हर वक्त थकावट सा महसूस होना
- धुंधला नजर आना
- चोट लगने पर उसका जल्दी ठीक ना होना
- वजन का घटना
टाइप 1 डायबिटीज किस कारण से होता है?
कई कारणों से बच्चे टाइप 1 डायबिटीज का शिकार हो सकते हैं, जैसे -
1. टाइप 1 डायबिटीज होने का सबसे मुख्य कारण जेनेटिक हो सकता है। अगर माता-पिता को ये बीमारी है, तो बच्चों में भी टाइप 1 डायबिटीज विकसित होने का खतरा बना रहता है। (
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2. कई बार वातावरण में फैले कुछ वायरस के संक्रमण के कारण भी टाइप 1 डायबिटीज की बीमारी हो सकती है। (
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3. खाने में मौजूद कुछ केमिकल्स भी टाइप 1 डायबिटीज का खतरा बढ़ा देते हैं। (
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टाइप 1
डायबिटीज किस कारण से होता है, इसे समझने के बाद ये जानना भी जरूरी है कि इस बीमारी का जल्दी निदान क्या है? अगर किसी में टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण नजर आते हैं तो उसे तुरंत चिकित्सक पास ले जाना चाहिये। ब्लड टेस्ट की मदद से चिकित्सक इस बीमारी का निदान करते हैं।
क्या हैं टाइप 1 डायबिटीज का इलाज?
टाइप 1 डायबिटीज के इलाज में मरीज को इंसुलिन दी जाती है। इस बारे में वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ
डॉ. अनुपम सचदेवा का कहना है कि टाइप 1 डायबिटीज का एक ही इलाज है और वो है इंसुलिन। टाइप 2 डायबिटीज में दवाईयां एवं इंसुलिन दोनों की मदद ली जाती है। इसके साथ ही एक्सरसाइज और सही खानपान से भी टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है लेकिन टाइप 1 डायबिटीज में ये सिस्टम नहीं है। इस बीमारी में वैसे ही बच्चे का वजन कम हो जाता है इसीलिए इंसुलिन की मदद से इस डायबिटीज का इलाज होता है। हाँ, बच्चे अगर एक्सरसाइज करें तो अच्छा है। इससे शरीर में इंसुलिन की जरूरत कम हो जाती है।
टाइप 1 डायबिटीज किस कारण से होता है एवं इसके लक्षण और इलाज की सही जानकारी ही आपके बच्चे को इस बीमारी से बचाने में मदद कर सकती है। इस मामले में आपकी जागरूकता सबसे ज्यादा जरूरी है, तभी आपका बच्चा भी स्वस्थ रह सकेगा।
क्या बच्चों को भी हो सकती है डायबिटीज?
आजकल बच्चों में भी डायबिटीज के मामले बढ़ रहे हैं। बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज के मामले ज्यादा देखे जाते हैं। जब पैन्क्रियाज में बीटा सेल्स के नष्ट होने से इंसुलिन का उत्पादन या तो कम या फिर पूरी तरह बंद हो जाता है, तो ऐसे में शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है और रक्त में शुगर का स्तर बढ़ने लगता है। इसे ही टाइप 1 डायबिटीज कहते हैं।
टाइप 1 डायबिटीज में किस तरह के लक्षण नजर आते हैं?
टाइप 1 डायबिटीज में बार-बार पेशाब का एहसास होना, बहुत ज्यादा प्यास एवं भूख लगना, हर वक्त थकावट सा महसूस होना, धुंधला नजर आना, वजन का घटना आदि लक्षण नजर आते हैं।
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