हार्ट अटैक के लक्षण नजर आये तो तुरंत करें ये काम

Heart Attack

हार्ट अटैक (Heart Attack) तब होता है, जब हृदय की मांसपेशियों के एक हिस्से में रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है। धमनी में प्लाक के जमाव के कारण यह स्थिति पैदा होती है। ऐसे में व्यक्ति को छाती में दर्द या भारीपन का एहसास होता है। इसके अलावा पसीना आना, मतली, सांस लेने में तकलीफ व अन्य हार्ट अटैक के लक्षण भी नजर आ सकते हैं। इन शुरुआती लक्षणों को समय पर पहचानना और तुरंत इलाज करना महत्वपूर्ण है, तभी व्यक्ति की जान बचायी जा सकती है।

हार्ट अटैक होने पर अगर घर पर कुछ चीजें की जाएं तो मरीज को अस्पताल ले जाने का समय मिल सकता है। आईये जानते हैं कि ऐसी आपातकालीन स्थिति में मरीज के पास मौजूद व्यक्ति को क्या करना चाहिये?

हार्ट अटैक (Heart Attack) होने पर करें ये काम

  1. सबसे पहले मरीज के कंधे को थपथपाएं और उससे पूछें कि क्या वो ठीक है?
  2. मैन्युअल चेस्ट कम्प्रेशन करें, इसके लिए
  3. अपनी उँगलियों को आपस में लॉक करें और अपने हाथों की हथेली वाले हिस्से को व्यक्ति की छाती के बीच में रखें।
  4. अपने कंधों को अपने हाथों के ऊपर रखें, अपनी कोहनी को लॉक करें और 100-120 कम्प्रेशन प्रति मिनट की दर से छाती को 2 इंच की गहराई तक ज़ोर से और तेज़ी से दबाएं। 
  5. प्रत्येक कम्प्रेशन के बीच छाती को फिर से ऊपर उठने दें।
  6. जब तक व्यक्ति साँस लेना या हिलना शुरू न कर दे, तब तक ये हरकतें जारी रखें।
  7. यदि संभव हो, तो ऑटोमेटिक एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (AED) का भी उपयोग किया जा सकता है। एईडी की सुविधा शॉपिंग मॉल और कई अन्य सार्वजनिक स्थानों पर उपलब्ध है। दरअसल, एईडी एक झटका देता है, जिससे हृदय की गति को फिर से शुरू हो सकती है। 

इसके पश्चात बिना देरी किये मरीज को निकटवर्ती अस्पताल लेकर जाएं। व्यक्ति की स्थिति के अनुसार डॉक्टर निम्नलिखित तरीके से इलाज का निर्णय ले सकते हैं- 

  • रक्त पतला करने वाली दवाइयां: ये दवाइयां रक्त के थक्के को तोड़कर हृदय की धमनियों को खोलने में मदद करती हैं।
  • बीटा ब्लॉकर: दिल की धड़कन की गति और रक्तचाप को कम करने के लिए बीटा ब्लॉकर दिया जाता है।
  • एस्पिरिन: यह दवाइ न सिर्फ रक्त को पतला करने में मदद करती है बल्कि नए थक्कों को बनने से भी रोकती है।
  • नाइट्रोग्लिसरीन: यह दवा सीने के दर्द को कम करने और संकरी रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने में मदद करती है ताकी खून का प्रवाह ठीक से हो सके।

एंजियोप्लास्टी: हार्ट अटैक के लक्षण नजर आने पर एंजियोप्लास्टी एक ऐसी आधुनिक प्रक्रिया है, जो व्यक्ति को नयी जिंदगी दे सकता है। इस प्रक्रिया में एक छोटी ट्यूब यानी कैथेटर को हृदय की धमनी में डाला जाता है। कैथेटर के अंत में एक छोटा गुब्बारा होता है, जिसे फुलाकर धमनी को चौड़ा किया जाता है। इसके पश्चात कैथेटर को बाहर निकाल लिया जाता है। 

बाईपास सर्जरी: इसे कोरोनरी धमनी बाईपास ग्राफ्ट सर्जरी भी कहते हैं। इस सर्जरी में ब्लॉक हो चुकी हृदय की धमनियों के चारों तरफ एक नया मार्ग बनाया जाता है ताकि रक्त का प्रवाह फिर से शुरू हो सके।

निष्कर्ष (Conclusion)

हार्ट अटैक (Heart Attack) के लक्षण नजर आने पर व्यक्ति जितनी जल्दी अस्पताल पहुँचे, उतना बेहतर है। मेडिकल साइंस में आयी आधुनिकता से अब व्यक्ति की जान बचाना संभव है। 

हार्ट अटैक में कौन सी सर्जरी की जाती है?

हार्ट अटैक होने पर एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी की मदद से व्यक्ति की जान बचायी जा सकती है।

हार्ट अटैक के लक्षण क्या हैं?

छाती में दर्द या भारीपन, पसीना आना, मतली, सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आना, धुंधला नजर आना आदि हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं।

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