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कहीं चोट के निशान न बन जाएं आपके तनाव का कारण! रहें सावधान

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  चोट के निशान अगर नहीं गये तो क्या होगा? इन निशानों को देखकर न जानें लोग क्या कहेंगे?  अगर आप भी इन सवालों से घिरे हुए हैं तो सतर्क हो जाएं। ये सवाल आपके जीवन में तनाव का कारण बन सकते हैं। जी हाँ, सही सुना आपने। अगर समय बीत जाने के बाद भी पुराने चोट के निशान नहीं जाते हैं, तो इसका असर व्यक्ति के आत्मविश्वास पर पड़ता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति के मन में कई तरह के सवाल चलने लगते हैं और देखते ही देखते वो व्यक्ति डिप्रेशन का शिकार हो जाता है। विशेष रूप से अगर कोई निशान चेहरे पर हो तो ये सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी बड़ी परेशानी का कारण बन जाता है। चोट के निशान के कारण नजर आ सकते हैं ये इमोशनल रिएक्शन! अगर चोट के निशान कई कोशिशों के बाद भी नहीं जाते, तो व्यक्ति हैरान-परेशान सा हो जाता है। ऐसे में उसमें कई तरह के इमोशनल रिएक्शन नजर आ सकते हैं, जैसे - डर असहजता गुस्सा चिंता दर्द खुद से घृणा की भावना उदासी चेहरे के चोट के निशान बन सकते हैं डिप्रेशन का मुख्य कारण! कई बार चोट के निशान का आकार मायने नहीं रखता बल्कि निशान शरीर के किस हिस्से में है, ये सबसे बड़ी समस्या बन जाती है।

पीरियड्स के कितने दिन बाद प्रेग्नेंसी होती है? (Period Ke Kitne Din Baad Pregnancy Hoti Hai)

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  शादी के बाद एक कपल के जीवन में सबसे अहम विषय होता है - बच्चा प्लान कब करना है? वैसे आजकल ज्यादातर कपल शादी के 2 से 3 साल बीत जाने के बाद ही बच्चा पैदा करने की योजना बनाते हैं। अब जब बात बेबी प्लानिंग की है तो इसको लेकर भी महिलाओं को मन में कई तरह के सवाल उठना लाजमी है। इन्हीं सवालों में से एक सवाल है - पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी होती है ( Period ke Kitne Din Baad Pregnancy Hoti Hai ) या एक महिला पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंट होती है (Period ke Kitne Din Baad Pregnant Hoti Hai)? कहीं आप भी तो इस सवाल का जवाब नहीं ढूंढ़ रहीं! तो चलिये आपके इन्हीं सवालों पर चर्चा करते हैं लेकिन उससे पहले जरूरी है प्रेग्नेंसी, मेंस्ट्रुअल साइकिल और ओव्यूलेशन को समझना। सबसे पहले जानें कैसे होती है प्रेगनेंसी? पीरियड के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी होती है (Period ke Kitne Din Baad Pregnancy Hoti Hai) , ये समझने से पहले प्रेगनेंसी कैसे होती है, इसे समझना जरूरी है। नॉर्मल प्रेगनेंसी के बारे में मुंबई से वरिष्ठ स्त्री रोग व इन्फर्टिलिटी विशेषज्ञ, पद्मश्री डॉ. इंदिरा हिंदुजा बताती हैं कि स्त्री के शर

चोट लगने पर नहीं रुकता खून बहना! कहीं ये हीमोफीलिया के लक्षण तो नहीं?

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  शरीर के किसी हिस्से पर चोट लगने या कट जाने पर खून का निकलना बंद न होना, क्या आपके साथ हुआ है ऐसा कभी? ये आमतौर पर हीमोफीलिया के लक्षण हो सकते हैं। क्या आप जानते हैं हीमोफीलिया क्या है? आइए सबसे पहले इसके बारे में जानते हैं। जानिए हीमोफीलिया क्या है? हीमोफीलिया आमतौर पर एक आनुवंशिक ब्लीडिंग डिसऑर्डर है। दरअसल, रक्त में कई प्रोटीन होते हैं जिन्हें क्लॉटिंग फैक्टर कहा जाता है। यह फैक्टर खून के थक्के बनाकर रक्तस्राव को रोकने में मदद करते हैं। इस डिसऑर्डर में व्यक्ति के शरीर में खून के थक्के बनाने वाले क्लॉटिंग फैक्टर का स्तर कम होता है ( Ref )।  जिसकी वजह से शरीर में खून का थक्का बनना बंद हो जाता है। रक्त में थक्के बनाने वाले कारकों की मात्रा जितनी कम होगी, रक्तस्राव की संभावना उतनी ही अधिक होगी। इसलिए हीमोफीलिया से पीड़ित मरीजों को अगर किसी कारण चोट लग जाए या शरीर में किसी तरह का कट लग जाए तो खून बहना बंद नहीं होता है। इस स्थिति में अगर समय रहते मरीज को सही उपचार न मिले तो उसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। इस समस्या से बचने के लिए हीमोफीलिया के लक्षण जानना बेहद जरुरी है तभी आप

प्रेग्नेंसी टेस्ट कब करें: Pregnancy Test Kab Karna Chahiye

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  क्या आपका पीरियड मिस हुआ है?  क्या आपको थकावट या चक्कर आने जैसी समस्याएं हो रही हैं? अगर हाँ, तो हो सकता है कि आपके घर में जल्द ही एक बड़ी खुशखबरी आने वाली है। क्या हुआ कुछ समझ नहीं आया? चलिये आपको आसान शब्दों में बताने की कोशिश करते हैं। कहने का मतलब ये है कि अगर आपको पीरियड नहीं हो रहा है और आप अपने शरीर में कुछ बदलाव का एहसास कर रही हैं तो हो सकता है कि आप प्रेग्नेंट हों। जी हाँ, उपर बताये गये लक्षण आपके माँ बनने का संकेत हो सकते हैं। अब यहाँ सवाल ये उठता है कि प्रेगनेंसी टेस्ट कब करें ( Pregnancy Test Kab Kare ) और कैसे करें?  ये आप भी जानती हैं कि डॉक्टर से संपर्क करने से पहले अब आप अपने घर पर खुद से प्रेगनेंसी टेस्ट (Pregnancy Test at Home in Hindi) कर सकती हैं। हालांकि, इस प्रेगनेंसी किट के इस्तेमाल को लेकर महिलाओं के मन में काफी सवाल रहते हैं। इन सवालों के जवाब जानने से पहले प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षणों को समझना जरूरी है।  जानें प्रेगनेंसी के शुरुआती लक्षण 1.पीरियड का मिस होना  प्रेगनेंसी का सबसे पहले लक्षण होता है पीरियड का मिस होना। अगर किसी महिला का लगातार 2 या उससे ज्याद

क्या असुरक्षित सेक्स से पीरियड में प्रेगनेंसी हो सकती है?

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  पीरियड में प्रेगनेंसी हो सकती है या नहीं, इस बात को लेकर आप अकेले कंफ्यूजन में नहीं है। जी हाँ, आपके जैसी और भी कई महिलाएं हैं, जो इस सवाल का सही जवाब जानना चाहती हैं। तो चलिये, आज हम भी इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने की कोशिश करते हैं। इसके लिए सबसे पहले हमें प्रेगनेंसी के पूरे प्रोसेस को समझना होगा। कैसे होती है नॉर्मल प्रेगनेंसी?  प्रेगनेंसी का सीधा संबंध महिला की मेंस्ट्रुअल साइकिल से होता है। वैसे तो ये साइकिल 28 दिनों की होती है लेकिन कुछ महिलाओं में इसकी अवधि 23 से 35 दिनों की भी हो सकती है। मेंस्ट्रुअल साइकिल पीरियड के पहले दिन से शुरू होता है और अगले पीरियड आने के एक दिन पहले खत्म हो जाता है। इस साइकिल के बीच में ही महिला ओव्यूलेट करती है और यह माहवारी के 12 से 17 दिनों बाद होता है। इस दौरान अगर महिला पुरुष के साथ संबंध बनाती है, तो उसके प्रगनेंट होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। दरअसल, ओव्यूलेशन के वक्त महिला की ओवरी से एक अंडा बाहर निकलता है। अगर फैलोपियन ट्यूब में ये अंडा पुरुष के स्पर्म से जाकर मिल जाता है तो इस प्रक्रिया को फर्टिलाइजेशन कहते हैं। इसके बाद ये फर्टिलाइज्ड एग

क्या हैं पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान?

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  पीरियड में संबंध बनाना चाहिये या नहीं, इसे लेकर कई तरह के शोध किये जा चुके हैं। कुछ शोध कहते हैं कि पीरियड में संबंध बनाने के कई फायदे होते हैं, तो वहीं कुछ शोध में पीरियड में संबंध बनाने के नुकसान का जिक्र किया गया है। शायद इसीलिए कई कपल पीरियड में सेक्स करने को लेकर कंफ्यूज रहते हैं लेकिन यहाँ कंफ्यूजन की कोई बात नहीं है। जिस तरह हर चीज का फायदा और नुकसान दोनों होता है, ठीक इसी तरह पीरियड में संबंध बनाने के भी 2 पहलू है। एक पहलू फायदा बताता है और दूसरा नुकसान। आज हम नुकसान वाले पहलू पर चर्चा करेंगे लेकिन इससे पहले पीरियड को समझना जरूरी है। जानें क्या होता है पीरियड? पीरियड मेन्सट्रुअल साइकिल का हिस्सा है, जिसमें कुछ समय के लिए महिला की योनि से रक्त निकलता है। ज्यादातर महिलाओं में हर 28वें दिन में इस साइकिल की शुरुआत होती है। वहीं कुछ महिलाओं में 23 से लेकर 35वें दिन तक में भी ये साइकिल शुरू हो सकता है। पीरियड 2 से लेकर 7 दिनों तक रहता है। कुछ महिलाओं में 5 दिनों में ही पीरियड समाप्त हो जाता है। वहीं शुरुआत के 2 दिनों तक महिला को सबसे ज्यादा रक्तस्त्राव होता है। ( Ref ) पीरियड में

ये 10 संकेत हो सकते हैं पीरियड आने के लक्षण (period aane ke lakshan)

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  पीरियड यानी माहवारी महिलाओं के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसमें हर महीने एक महिला की योनि से कुछ दिनों तक रक्तस्राव होता है। अधिकांश महिलाओं के लिए यह लगभग हर 28 दिन में होता है ( Ref )| हालाँकि कुछ महिलाओं में  हर 23 दिन से लेकर हर 35 दिन में होता है। यह बहुत ही आम बात है। पीरियड की अवधि आमतौर पर 2 से 7 दिनों के बीच रह सकती है। इस दौरान पहले 2 दिनों में महिला को रक्तस्राव सबसे अधिक हो सकता है। अगर बात करें इसके लक्षण की तो महिलाओं को पीरियड आने के लक्षण (period aane ke lakshan) का अनुभव पीरियड शुरू होने के कुछ दिन पहले से ही होने लगता है। इसे प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) कहा जाता है। पीएमएस के लक्षणों में शामिल हैं ( Ref ) - मूड स्विंग  बेचैन महसूस करना चिड़चिड़ापन महसूस होना  पेट सामान्य से अधिक भरा महसूस होना  सिर दर्द स्तन में परिवर्तन होना  सेक्स में रुचि का कम होना त्वचा पर मुहांसे आना  थकान होना  सोने में कठिनाई होना पीएमएस कितने समय तक चलता है ( Ref )? पीएमएस यानी पीरियड आने के लक्षण अक्सर माहवारी से लगभग 5 दिन पहले शुरू होते हैं। आमतौर पर इसके लक्षण (period aane