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पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी के लक्षण - हो सकते हैं ये 3 संकेत

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  क्या केवल पीरियड मिस होना ही प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है? इसका जवाब है नहीं। इसलिए पीरियड मिस होने का मतलब हमेशा यह नहीं होता कि महिला गर्भवती है ( Ref ) इसके पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं। इसके कारणों में शामिल हैं-  बर्थ कण्ट्रोल पिल्स लेना  मधुमेह  पीसीओएस (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) ईटिंग डिसऑर्डर  कुछ दवाओं के दुष्प्रभाव इसलिए महिला को पीरियड्स मिस होने पर डॉक्टर को दिखाकर यह पता लगाना चाहिए कि क्या वे गर्भवती हैं या उन्हें कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या है। अब आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर फिर कैसे समझें कि आप गर्भवती हैं? तो हम आपको कुछ ऐसे संकेत बताने जा रहे हैं जो पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी के लक्षण हो सकते हैं। इन लक्षणों को समझकर आप जान सकेंगी कि आप गर्भवती हैं या नहीं। पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी के लक्षण जानें  गर्भावस्था के लक्षण हर महिला में अलग-अलग होते हैं। गर्भधारण के एक सप्ताह के भीतर आपको गर्भावस्था के लक्षणों का अनुभव होना शुरू हो सकता है। हालांकि कुछ महिलाओं का कहना है कि उन्हें कुछ हफ्तों तक कोई लक्षण महसूस नहीं हुआ। जिन महिलाओं में इसके लक्षण दिख

प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है, ये जानना हर पुरुष के लिए है जरूरी, जानिए क्यों?

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प्रोस्टेट क्यों बढ़ता है , इसका जवाब अभी भी पूर्ण रूप से अज्ञात है। हालाँकि, ऐसा माना जाता है कि जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है उसके शरीर में एस्ट्रोजन और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का संतुलन बदलता है। इस हार्मोनल परिवर्तन की वजह से व्यक्ति की प्रोस्टेट ग्रंथि बढ़ सकती है। एक सर्वे के अनुसार, 60 साल की उम्र के बाद तकरीबन 50% पुरुषों को प्रोस्टेट बढ़ने की समस्या होती है ( Ref ) | वहीं विश्व स्तर पर, 50 वर्ष से कम आयु के पुरुषों में बीपीएच का प्रसार करीबन 20 से 62% तक हो सकता है।  प्रोस्टेट बढ़ने की वजह से आपको हो सकती हैं ये समस्याएं! प्रोस्टेट बढ़ने के साथ आपको पेशाब संबंधी कुछ समस्याएं हो सकती हैं। इन समस्याओं में शामिल हैं-  पेशाब शुरू करने में कठिनाई होना  पेशाब करने के लिए जोर लगाना मूत्र का प्रवाह कमजोर होना बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना रात में बार-बार पेशाब लगना  पेशाब के बाद भी ड्रिपलिंग का जारी रहना पेशाब कंट्रोल न कर पाना प्रोस्टेट बढ़ने के ये लक्षण हर मरीज में अलग-अलग हो सकते हैं। यह लक्षण प्रोस्टेट से जुड़ी अन्य समस्याओं की वजह से भी दिख सकते हैं। इसलिए अगर, आपके मन में इन लक

5 रिस्क फैक्टर्स जो पीरियड आने के लक्षण (PMS) को बनाते हैं गंभीर!

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  क्या आपको भी पीरियड आने के कुछ दिनों पहले से ही पेट में तेज दर्द शुरू हो जाता है? क्या आप मूड स्विंग, तनाव या ज्यादा भूख लगने जैसे लक्षणों का भी अनुभव करती हैं? अगर हाँ, तो इसे पीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS) कहते हैं। इसमें कुछ दिनों पहले से ही महिलाओं में पीरियड आने के लक्षण नजर आने लगते हैं, जो उन्हें बहुत ज्यादा परेशान करते हैं। एक अध्ययन में ये बताया गया है कि 4 में से 3 महिलाएं पीएमस के लक्षणों का सामना करती हैं। पीएमएस में नजर आने वाले लक्षण क्या हैं? पीएमएस में हर महिला में अलग-अलग लक्षण नजर आते हैं। वैसे तो इस समस्या में तकरीबन 100 लक्षणों की पहचान की गयी है लेकिन इनमें से कुछ ही ऐसे पीरियड आने के लक्षण हैं, जो महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशान करते हैं।  इन लक्षणों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है - मनोवैज्ञानिक (Psychological), शारीरिक (Physical) एवं व्यवहारात्मक (Behavioral)। इनमें जो लक्षण नजर आते हैं, वो हैं -  मूड स्विंग गुस्सा आना उदास होना डिप्रेशन घबराहट थकावट ध्यान केन्द्रित करने में परेशानी होना बेचैनी वजन बढ़ना पेट फूलना सिर दर्द पीठ में दर्द पिंपल्स आना जोड़ों में

‘अति’ हर चीज की खराब है, फिर चाहे वो ‘प्रोटीन’ ही क्यों न हो!

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शरीर के लिए आवश्य पोषक तत्वों में प्रोटीन की भूमिका बेहद अहम है। मांसपेशियों और हड्डियों की मजबूती, इम्यून सिस्टम को तंदरुस्त रखना, वजन नियंत्रण व अन्य कई चीजों के लिए शरीर में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का मौजूद होना जरूरी है। खिलाड़ियों से लेकर वजन कंट्रोल करने पर ध्यान दे रहे हर एक व्यक्ति में हाई प्रोटीन डाइट का प्रचलन बढ़ा है। डॉक्टर भी डाइट में हाई प्रोटीन खाद्य पदार्थों को शामिल करने की सलाह देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्यादा मात्रा में प्रोटीन खाना आपके शरीर को नुकसान पहुँचा सकता है? जी हाँ, यह बात सच है। इसीलिए, प्रत्येक व्यक्ति के लिए हाई प्रोटीन डाइट के सिर्फ फायदों को नहीं बल्कि नुकसानों को भी जानना जरूरी है और आज हम इसी विषय पर विस्तार से चर्चा करेंगे।  सबसे पहले हाई प्रोटीन डाइट क्या है, यह जान लें हाई प्रोटीन डाइट, आम तौर पर कार्बोहाइड्रेट और वसा की खपत को कम करते हुए प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने पर जोर देती है। केटोजेनिक डाइट और पैलियो डाइट इसके महत्वपूर्ण उदाहरण हैं। ये डाइट सुझाव देते हैं कि व्यक्ति खाने में प्रोटीन का सेवन बढ़ाकर वजन घटाने से लेकर मांसपेशियों क

क्या आप जानते हैं बच्चों में डायबिटीज किस कारण से होता है?

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  क्या आप भी सोचते हैं कि डायबिटीज सिर्फ बुजुर्गों में होने वाली बीमारी है? अगर आपका जवाब हाँ है तो आपको जागरूक होने की जरूरत है। जानकारी का यही अभाव डायबिटीज के मामले बढ़ने का सबसे मुख्य कारण है। आपको जानकार शायद हैरानी हो लेकिन बच्चे भी डायबिटीज की चपेट में आ सकते हैं। इसे टाइप 1 डायबिटीज कहते हैं। वैसे तो बड़े भी टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित हो सकते हैं लेकिन बच्चों में ये समस्या ज्यादा देखी जाती है। इसीलिए डायबिटीज किस कारण से होता है , इसे समझने की आवश्यकता सबसे ज्यादा है। तभी तो डायबिटीज से बचना संभव हो पायेगा।  सबसे पहले जानें क्या होता है टाइप 1 डायबिटीज? जब शरीर का इम्यूनिटी सिस्टम पैन्क्रियाज में मौजूद बीटा सेल्स को नष्ट कर देता है, तब वहाँ इंसुलिन का उत्पादन या तो पूरी तरह से बंद हो जाता है या फिर बहुत कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है और रक्त में शुगर का स्तर बढ़ने लगता है। इसे ही टाइप 1 डायबिटीज कहते हैं। ( Ref ) आखिर ये डायबिटीज किस कारण से होता है , इसे समझने से पहले एक नजर डालें इस बीमारी के लक्षणों पर -  टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण बार-बार पेशा

फाइब्रॉएड हो सकता है पेट के निचले हिस्से में दर्द के कारण में शामिल!

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  पेट के निचले हिस्से में दर्द कई अलग-अलग स्थितियों के कारण हो सकता है। जब हम बात करते हैं महिलाओं में पेट के निचले हिस्से में दर्द के कारण की तो इसमें फाइब्रॉएड प्रमुख हो सकता है। फाइब्रॉएड एक कैंसर रहित ट्यूमर है जो गर्भाशय की दीवारों में या उसके ऊपर विकसित होते हैं। इसके गर्भाशय में विकसित होने का कारण है- शरीर में एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की मात्रा का बढ़ना। कई महिलाओं में फाइब्रॉएड के लक्षण ज्यादा नहीं दिखते हैं। जिन महिलाओं में इसके लक्षण दिखतें हैं वें निम्नलिखित चीजें अनुभव कर सकती हैं ( Ref ) पीरियड के दौरान अत्यधिक दर्द  पेट दर्द पीठ के निचले हिस्से में दर्द बार-बार पेशाब करने की इच्छा होना  कब्ज़ सेक्स के दौरान दर्द या बेचैनी कुछ मामलों में फाइब्रॉएड महिला के प्रजनन प्रणाली को प्रभावित कर सकता है या बांझपन का कारण भी बन सकता है। इसलिए हर महिला को फाइब्रॉएड से बचाव करने का प्रयास करना चाहिए। ऐसा करने से महिलाएं पेट के निचले हिस्से में दर्द के कारण होने वाली कई परेशानियों से राहत पा सकती हैं। फाइब्रॉएड किसे हो सकता है ( Ref ) फाइब्रॉएड की समस्या किसे हो सकती है, यह ज

प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (PMS): इन 7 टिप्स को अपनाएं, पीरियड आने के लक्षण से राहत पाएं!

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  क्या पीरियड्स के 2 हफ्ते पहले आपका भी मूड स्विंग होता है? हो सकता है ये पीरियड आने के लक्षण। इसे आमतौर पर पीएमएस (प्री-मेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम) कहा जाता है। लगभग सभी महिलाओं को पीरियड्स से पहले कुछ लक्षण महसूस होते हैं। हालांकि इसके लक्षण हर महिला में अलग-अलग दिखाई दे सकते हैं। पीएमएस एक महिला के दैनिक जीवन को शारीरिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित करता है। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप पीएमएस से कैसे राहत पा सकते हैं। इससे राहत पाने के उपाय जानने से पहले आइए जानते हैं कि पीएमएस में आपको कौन से लक्षण महसूस हो सकते हैं। पीरियड आने के लक्षण को आमतौर पर दो भागों में बांटा जाता है।  1. भावनात्मक लक्षणों में शामिल हो सकते हैं मूड स्विंग  चिड़चिड़ापन महसूस होना  भावुक महसूस करना थकान महसूस होना तनावग्रस्त महसूस करना एक जगह ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होना  2. शारीरिक लक्षणों में शामिल हो सकते हैं सोने में परेशानी होना सिरदर्द पेट फूला हुआ महसूस होना त्वचा या बालों में बदलाव महसूस होना  ब्रेस्ट में दर्द होना  मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द महसूस होना ये गंभीर पीएमएस के भी संकेत हो सकत